ऐसा माना चाहता है, कि लड़कियां सिर्फ चौका-चूल्हा ही संभाल सकती हैं।
21 वीं शताब्दी मतलब आज के दौर में देखा जाए तो यह बात एकदम गलत साबित हो जाती है। आज लड़कियाँ चांद से लेकर धरती तक हर जगह अपना इतिहास बनाती नजर आ रही हैं। सेना से लेकर विमानों तक, घर से लेकर ऑफिस तक हर काम को पुरुषों की बराबरी से डटकर कर रही हैं।
ऐसे ही है भारतीय महिला क्रिकेट टीम जिसने अपने लगन व मेहनत के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है। महिला क्रिकेट टीम से हम सब सीख सकते हैं कि हमारी कला, हमारी लगन के जरिए हम मुश्किल से मुश्किल काम को कर सकते हैं। नारी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। नारी कमजोर नहीं घर से लेकर दुनिया तक हर काम को करने की हिम्मत रखती है।
महिला क्रिकेट टीम
2017 में महिलाओं ने अपनी पहचान क्रिकेट में बनाई। दशकों से महिला क्रिकेट टीम इसमें अपनी मेहनत कर रही थी। 1960 में महिला एसोसिएशन ने महिला क्रिकेट टीम को मंजूरी दी। 1969 में पहले महिला क्रिकेट क्लब की स्थापना हुई। 1973 में इसे महिला क्रिकेट फाउंडेशन में दर्ज करा गया।
पुणे में इसका पहला मैच हुआ जिसमें मुंबई, ऑस्ट्रेलिया और कई टीमों ने धीरे-धीरे हिस्सा लेना शुरू किया। 1974 में ‘रानी झांसी ट्रॉफी’ की शुरुआत हुई। 1975 में महिला क्रिकेट टीम को सदस्यता मिली। क्रिकेट टीम में अपना पहला कदम 1975 में ही उठाया था परंतु हार का सामना करने पड़ा। 1976 में महिला क्रिकेट टीम ने अपनी जीत से अंतरराष्ट्रीय स्तर में जगह बनाई।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहली भारतीय महिला क्रिकेट टीम
महिला क्रिकेट टीम में डायना, शांता, मिताली, संध्या झूलन, हरमनप्रीत कौर मुख्य रूप से शामिल थीं जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत से देश का नाम किया और अपनी सदस्यता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बना लीI
2020 की महिला क्रिकेट टीम इस प्रकार है
भारतीय महिला क्रिकेट टीम में बदलाव कर कर खोज को भी बदल दिया गया है। हरमनप्रीत कौर को चुना गया है कप्तान के रूप में। ऐसे ही अलग-अलग हुनरों वाली युवा खिलाड़ी हमारी भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल है, जो युवाओं को एक बड़ा संदेश दे रही है। सबसे पहले हरमनप्रीत कौर जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान है। दूसरे नंबर पर हैं स्मृति मर्दाना। तीसरे नंबर पर है शेफाली वर्मा। इनके बाद है जेमिमाह, हरलीं देओल, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णमूर्ति, रिचा घोष, तानिया भाटा, पूनम यादव, राधा यादव, राजेश्वरी गायकवाड़, पूजा पांडे, वस्त्रकार, अनुधति रेड्डी रही।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम में एक बढ़कर एक जोड़ी है जिसमें हरमनप्रीत कौर और शेफाली वर्मा की बल्लेबाजी की जोड़ी बहुत ही खास है। वही गेंदबाजी में कोई स्पिनर में पूनम यादव राधा यादव और कोई ऑलराउंडर है। इन सभी के जुनून ने यह करके दिखा दिया है कि महिला किसी से कम नहीं। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए।
हमें लड़कियों को पढ़ाने या उनकी पसंद का विषय उनके भविष्य के लिए चलने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए बल्कि उनकी लगन को देखकर हमें हिंदुस्तान की बेटियों पर गर्व होना चाहिए। हमारे लिये जीते जागते उदाहरण है आज महिलाएं सेना में पुरुषो ने कही पीछे नहीं है।