हमारा देश एकता का प्रतीक है, जंहा सभी धर्म के लोग एक साथ खुशी खुशी रहते हैं। किसी भी तकलीफ की घड़ी में देश कैसे एक साथ खड़ा होता है ।इसकी एक झलक कल रात यानी 5 अप्रैल 2020 को दिखाई दी। यह नजारा ऐसाा था मानों अप्रैल के माह में ही दीवाल का त्योहार आ गया हो। रात 9 बजे अचानक घरों की लाइट बंद कर दी गई फिर घरों के बाहर, छत और बाल्कनी पर दीप मोमबत्तियों के साथ फोन की फ्लैश लाइट जला कर लोगों ने हुटिंग करना शुरू कर दिया। यह पूरी प्रक्रिया 9-10 मिनट के लिए की गई।
विदेशों से भी मिला समर्थन
देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों समेत दुनिया के अलग अलग कोने से भारतीय नागरिकों ने प्रधानमंत्री के कहे अनुसार रात 9 बजे लाइट बंद करके मोमबत्ती और दीप जलाकर कोरोना से चल रही जंग में साथ निभाया। यह नजारा पूरी तरह हैरान कर देने वाल था, जंहा एक तरफ दुनिया इस महामारी से जूझ रही है, वंही हमारे देश के प्रधानमंत्री दुनिया में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों को भी एक साथ खड़ा करने का काम कर रहे हैं।
हम विरोध करते रहेंगे क्योकि यही हमारा काम है
5 अ्प्रैल के इस प्लान का कुछ लोग विरोध भी करते दिखाई दिए और अपने सोशल मीडिया के जरिए अनाब शनाब बाते लिखते रहे। हालांकि यह वही वामपंथी और बुद्धीजीवी लोग हैं जो कोरोना के संकट में देश के किसी काम तो नहीं आ रहे लेकिन सरकार, पुलिस और स्वास्थ्य सेवाओं को कोसने का काम बखूबी और बड़ी ईमानदारी से कर रहे हैं।
क्या राज है 9मिनट मोमबत्ती, दीप और फ्लैश जलाने का
अब यह बात उनके लिए भी है जो देश के प्रधानमंत्री में विश्वास रखते हैं और उन जाहिलों के लिए भी जो इस प्लान पर सवाल उठा रहे थे। पद्मश्री से सम्मानित डॉ केके अग्रवाल ने इस प्लान पर न केवल विश्वास जताया बल्कि लोगों को इसका कारण भी बताया। योग वशिष्ट के अध्याय 6 ‘ The Principle Of Collective Conscience’ में बताया गया है कि जैसा 5 प्रतिशत लोग सोचते हैं वैसा ही 95 प्रतिशत लोग करेगे इसीलिए अगर हम सभी लोग सोचेगे कि हामरे शरीर के रिसेप्टर्स पर कोरोना वायरस न जमें तो हमारी सामूहिक चेतना (Collective Conscience) भी ऐसा ही सोचेगी। इसलिए पीएम मोदी की इस अपील को जरूर मानें।