Friday, November 15, 2024
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जीवन में ग्रहों का प्रभाव

by Divyansh Raghuwanshi
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ज्योतिष विज्ञान में सबसे बड़ा विषय जीवन में ग्रहों का प्रभाव भी होता है। इसमें बताया जाता है, कि किस ग्रह से क्या-क्या लाभ अथवा हानि होने वाली है। लाभ हानि ग्रहों की स्थिति को देखकर ही बताया जा सकता है। इसके लिए ज्योतिष विज्ञान का ज्ञान होना अति आवश्यक है। अगर नहीं है, तो ज्योतिषी की सहायता ली जा सकती है। ज्योतिष विज्ञान में ग्रहों के अलग-अलग स्वभाव के कारण इनका महत्वपूर्ण स्थान है।

ज्योतिष विज्ञान में ग्रहों का महत्व

प्राचीन काल से ही ग्रहों का मानव जीवन में उपयोग हो रहा है। जन्म से ही कुंडली निर्धारित होती है व इन कुंडलियों में इन ग्रहों के कारण मानव का भविष्य निर्धारित होता है। इससे यह पता लगता है, कि आने वाले भविष्य में मानव को कोई प्रकार की दुविधा होगी या लाभ की स्थिति होगी। इस कारण से ज्योतिषी में ग्रहों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। अगर धार्मिक दृष्टि से ग्रहों का महत्व देखा जाए तो प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म संस्कृति में इसका उपयोग किया जाता है। ज्योतिषी की परंपरा हजारों साल से हिंदू संस्कृति में चली आ रही है जिसका उपयोग आज भी किया जाता है। जैसे अगर किसी का विवाह किया जा रहा है, तो वर-वधू की आपस में कुंडलियों को देखा जाता है। अगर दोनों की कुंडलियां समान होती है, तो विवाह के लिए उपयुक्त जुड़ा माना जाता है।

ग्रहों के बारे मेंsolar system 1 1

ज्योतिष विज्ञान में मुख्य तौर पर 9 ग्रह होते है जिनकी गणना होती है। ग्रह कुछ इस प्रकार होते हैं जो हमारे जीवन पर प्रवाह डालते हैं- 

  • सूर्य
  • बृहस्पति
  • चन्द्र
  • शुक्र
  • बुध
  • मंगल

इसमें सूर्य तथा मंगल घोर पाप अथवा शनि राहु केतु पाप के लिए उत्तरदाई होते हैं। सूर्य का प्रभाव हमारी आंखों पर, दिल पर और सिर पर मुख्य तौर पर रहता है। वहीं अगर हम मंगल ग्रह की बात करें तो यह हमारे कान पर, नाक पर और शरीर के खून पर प्रभाव डालता है। इसी प्रकार शनि ग्रह भी हमारे दिमाग, हड्डी पर प्रभाव डालता है। राहु केतु का प्रभाव जिस राशिफल में यह उपस्थित होते हैं। उसमें जो लाभ या हानि होने वाली होती है उसमें यह वृद्धि करते हैं अतः यह स्वतंत्र नहीं होते हैं।

लाभप्रद ग्रह

हमारे जीवन में कुछ शुभ ग्रह हैं जैसे बृहस्पति ग्रह, बुध ग्रह और शुक्र ग्रह। अन्य ग्रहों की तुलना में यह शुभ माने जाते हैं। इसके साथ ही पूरे चंद्रमा को भी शुभ माना जाता है।

 यदि बृहस्पति ग्रह की बात की जाए तो इसके द्वारा हमारे शरीर के पाचन तंत्र, गुर्दे को प्रभाव होता है। शुक्र ग्रह की वजह से आंखों को और वीर्य को प्रभाव होता है। बुध ग्रह जीव को प्रभाव देता है वही चंद्रमा ग्रह की वजह से छाती और फेफड़े पर प्रभाव आता है।

ग्रहों का प्रभावhoroscope kundali 3839521 835x547 m 1

जिस कुंडली में शुक्र ग्रह, चंद्रमा और बुध ग्रह बैठते हैं, वह उसकी वृद्धि में सहायक होते हैं। इसके विपरीत गुरु ग्रह जहां भी होता है होता है, उसकी हानि करता है। लेकिन जिस घर पर यह ग्रह दृष्टि रखता है, उसकी वृद्धि करता है। मंगल ग्रह जिस कुंडली में होता है, वह चाहे उस पर दृष्टि रखें या उसमें उपस्थित रहे दोनों ही स्थिति में हानि पहुंचाता है।

शनि ग्रह अगर किसी पर दृष्टि रखे तो हानि होती है। अगर भी जगह बैठ जाता है, तो लाभ में वृद्धि करता है। सूर्य अपनी स्थिति के अनुसार लाभ प्रदत्त करता है। कुछ परिस्थितियों में हानि भी कर सकता है।

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