पूर्णिमा तिथि का हमारे धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पूर्ण चंद्रमा अपने 16 कलाओं का प्रदर्शन करता है। पूर्णिमा के विशेष पर्व पर विष्णु भगवान की पूजा की जाती है। हमारे हिंदू धर्म में पूर्णिमा के दिन नर्मदा नदी गंगा नदी जैसी पवित्र नदियां में लोग स्नान करते हैं और दान पुण्य करके अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं। पूर्णिमा के दिन किया गया हर कार्य सफलता देता है। महिलाएं अपने अखंड सोभाग्य के लिए पूर्णिमा का व्रत करती हैं।
हर महीने की पूर्णिमा का अपना महत्व
पूर्णिमा का एक नाम सोम्या भी हैं। सूर्य से चंद्रमा का अंतर 180 दिनों का होता है तब पूर्णिमा के तिथि होती है। हर महीने की पूर्णिमा विशेष पर्व होती है। चैत्र मास से हमारा नया वर्ष आरंभ होता है तो इस मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। वैसाख मास में बुद्धू पूर्णिमा मनाई जाती हैं। जेष्ठ महीने में बट सावित्री व्रत पूर्णिमा के दिन किया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा कोसबसे बड़ी पूर्णिमा मानते हैं। इस दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिल गुरुओं के पूजन करके धूमधाम के साथ इस पर्व को मनाते है, इसी दिन कबीर दास जयंती होती है। श्रावण मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का विशेष पर मनाया जाता है। रक्षाबंधन का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिल बहन भाई एक दूसरे की मंगल कामना करते हैं। बहनों को साल भर इस पर्व का इंतजार होता है। भाद्र पद की पूर्णिमा पर उमा और महेश का व्रत किया जाता है। अश्विन महीने की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा के नाम से विख्यात है। कार्तिक मास की पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मार्च के पूर्णिमा भी विशेष होती है। पौमास की पूर्णिमा त्रिवेणी संगम प्रयाग में स्नान के जाते हैं। इस पूर्णिमा पर जैन धर्म की विशेष यात्रा शुरू की जाती है।
माघ पूर्णिमा पर्य में संत रविदास जयंती मनाई जाती है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। हमारे हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है।भारतीय पूर्णिमा के पर्व को अत्यधिक महत्व देते हैं हर महीने की पूर्णिमा को एक समय का भोजन करते हैं भगवान श्री सत्यनारायण की कथा और व्रत करके पूर्णिमा के व्रत को पूर्ण करते हैं। पूर्णिमा के व्रत को करके सुख समृद्धि और मान सम्मान की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म मैं तो हर पर्व को उत्साह साथ मनाया जाता है। भगवान विष्णु ने तो हमारी धरती पर राम और कृष्ण के रूप में जन्म लेकर पापों का अंत किया है।
भगवान श्री कृष्ण का पूर्णिमा पर्व पर पूजन विशेष सूजन करते हैं। पवित्र तीर्थ स्थानों और नदियों के जल में स्नान किया जाता है। पूर्णिमा के दिन माह आखिरी दिन होता है। पुर्णिमा पर सूर्य और चंद्रमादोनों एक दूसरे के आमने-सामने होते हैं। इस दिन दोनों की ग्रहों में समसप्तक योग बनता है। ज्योतिष में पूर्णिमा तिथि की दिशा वायव्य बताई गई है। पूर्णिमा तिथि पर विशेष कार्य सिद्धि की प्राप्ति होती है।