हम सभी जानते हैं, कि सोशल मीडिया वर्तमान में हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। वर्तमान में लोग सोशल मीडिया के बिना नहीं रह सकते हैं। फेसबुक पर नई नई पोस्ट डालना और व्हाट्सएप पर स्टेटस डालना प्रतिदिन का काम है। यदि आप कहीं घूमने गए हैं, तो आप कभी भी अपनी तस्वीर फेसबुक पर डालना या व्हाट्सएप के स्टेटस पर डाला नहीं भूलते हैं। यह केवल हमारा स्वभाव नहीं है किंतु बहुत प्रसिद्ध सेलिब्रिटी, क्रिकेटर्स, बिजनेसमैन आदि भी इस आदत से पीछे नहीं रह पाए हैं।
इन सभी बातों के साथ हमें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि, सोशल मीडिया में किस प्रकार से प्रभावित कर रहा है। हम कई बार गौर से देखते हैं, कि सोशल मीडिया पर टीवी स्टार्स या एक्टर्स की फोटो बहुत अधिक सुंदर दिखती है। यह सब बनावती तरीके से बना कर पोस्ट की जाती हैं। इससे हमारे दिमाग पर कुछ असर पड़ता है। आइए जानते हैं सोशल मीडिया से होने वाले कुछ असर के बारे में-
सोशल मीडिया का दिमाग पर असर
जैसा कि हम जानते हैं, कि सोशल मीडिया इतनी अधिक पुरानी चीज भी नहीं है। ऐसा नहीं है, कि यह हजारों सालों से चली आ रही है। फिलहाल के समय और आज के समय में ही इसका प्रचलन बढ़ा है और आगे बढ़ेगा। इस सभी को ध्यान में रखते हुए कुछ रिसर्च सामने आई है जिन पर बताया गया है, कि फेसबुक पर लोगों की पोस्ट को देश का कई बार हमारे अंदर नकारात्मक विचार आते हैं। ऐसा माना जाता है, कि जब भी हो अच्छी पोस्ट देखते हैं तो स्वयं की पोस्ट को भी उसी प्रकार अच्छा बनाने की कोशिश करते हैं। वह इन विचारों में इतना उलझ जाते हैं कि वे पूरे समय इसी बात को लेकर उलझन में रहते हैं, कि किस प्रकार अपने पोस्ट को अच्छा बनाया जाए।
सेल्फी का प्रचलन
सोशल मीडिया में सेल्फी डालना भी बहुत प्रचलित हो गई है। आजकल अच्छे फ्रंट कैमरा वाले फोन बाजार में सस्ते दामों पर मिल जाते हैं, जिसकी वजह से लोगों में सेल्फी का प्रचलन और बढ़ा है। इसके बाद भी अपनी तस्वीर को और सजाने के लिए लोग अलग इफ़ेक्ट डालकर अपनी तस्वीर को और सजाने की कोशिश करते हैं। एक रिसर्च की गई थी जिसमें कुछ लोगों को सेल्फी लेने को कहा गया। इन्हीं लोगों में से आधे लोगों को कहा गया कि वे केवल एक सेल्फी ले सकते हैं किंतु अन्य को कहा गया कि वे मनचाही सेल्फी लेकर एडिट भी कर सकते हैं।
रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों को केवल एक सेल्फी लेने के लिए कहा गया वह अपनी तस्वीर से खुश नहीं थे। इसके साथ ही जिन को एडिट करने को कहा गया वह भी अपनी तस्वीर को लेकर अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे। इस रिसर्च में सामने आया की लोग सोशल मीडिया में अच्छी फोटो डालने के चक्कर में स्वयं को हीन भावना की तरह देखने लगते हैं।