जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पूरे देश में कोरोनावायरस के कारण फैली इस महामारी को देखते हुए देश और पूरे विश्व के सभी बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है। कई बड़ी-बड़ी आयोजित होने वाले परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया या तो स्थगित करके आगे बढ़ा दिया गया है। आज हम इस लेख में आपको कोरोना वायरस का असर जो शिक्षा पर पड़ा, है उसको संक्षेप में बताएंगे
संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने शिक्षा के ऊपर जारी की रिपोर्ट
UNESCO (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा शिक्षा के ऊपर जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार कोरोनावायरस से भारत में लगभग 32 करोड़ छात्रों की शिक्षा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। जिसमें से इस आंकड़े में 16.25 करोड़ लड़के और 15.81 करोड़ लड़कियां शामिल है। यूनेस्को ने वैश्विक स्तर पर प्रभावित हुई शिक्षा के बारे में बताया कि इस महामारी से दुनिया के 193 देश के 157 करोड़ छात्रों की शिक्षा को बुरी ठेस पहुंची है।
यह छात्र लगभग हर फील्ड से संबंधित हैं। बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने से कई प्रकार के अंदेशे लगाए जा रहे हैं जैसे कि आने वाले समय में बच्चों को पढ़ाई से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लॉकडाउन के बाद स्कूल-कॉलेज खोलने पर पहले जैसे माहौल में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाएंगे क्योंकि इसमें कई प्रकार की सावधानी बरतनी होगी।
ऑफलाइन ना आ पाने की वजह स्टूडेंट ऑनलाइन पढ़ना पसंद कर रहे हैं लेकिन ऑनलाइन में बच्चे ऑफलाइन की तुलना में अधिक अच्छे से पढ़ाई नहीं कर सकते हैं क्योंकि ऑनलाइन पढ़ते-पढ़ते बच्चों का ध्यान कहीं पर भी भटक सकता है। वायरस फैलने के पहले समय के मुकाबले में इस समय डिजिटल माध्यम से अधिक पढ़ाई की जा रही है। कोरोनावायरस के कारण शिक्षा तकनीकी में आए बदलाव से बच्चों की दिक्कतें बढ़ा रही हैं।
पढ़ाई की गुणवत्ता में आएगी कमी
पढ़ाई में कई ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव सामने आए हैं जिससे पहले के मुकाबले में पढ़ाई की गुणवत्ता में काफी कमी आने की संभावना है। कोविड-19 के कारण बच्चों का होमवर्क सोशल मीडिया ऐप के माध्यम से भेजा जा रहा है।
ऐसे में होमवर्क पूरा नहीं होने की संभावना होती है क्योंकि बच्चों को मन इधर-उधर जल्दी भटक सकता है। अगर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है, तो सभी बच्चों के पास ही स्मार्टफोन होना आवश्यक है परंतु जो बच्चा गरीब घर का है उसके पास स्मार्टफोन नहीं होने के कारण उसकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ सकता है।
नहीं है हर छात्र के पास स्मार्टफोन
ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए सभी स्टूडेंट के पास स्मार्टफोन होना तो आवश्यक है।,साथ ही उसके स्मार्टफोन में इंटरनेट उपलब्ध होना भी अति आवश्यक है क्योंकि अकेले स्मार्टफोन होने से कुछ नहीं होता इंटरनेट भी अति आवश्यक है। अगर यह दोनों साधन स्टूडेंट के पास उपलब्ध नहीं है, तो कह सकते हैं कि स्टूडेंट की पढ़ाई में काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।
इनके अलावा और भी कई ऐसे कारण हैं, जो कोरोनावायरस के कारण पढ़ाई पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं जैसे
- अब हर व्यक्ति को सोशल डिस्टेंसिंग रखना आवश्यक है, तो ग्रुप स्टडी नहीं की जा सकती है। इस कारण भी पढ़ाई का नुकसान हो सकता है।
- विदेश में पढ़ने वाले छात्र इंटरनेशनल परिवहन बंद होने के कारण नहीं जा सकेंगे। इस कारण से भी पढ़ाई का नुकसान होगा।