चेक के द्वारा पैसे के लेन देन के मामले में कुछ नये नियमों को शामिल किया गया है. यह नियम फ्राड को रोकने के लिए लागये गए हैं. अब अगर किसी का चेक बाउंस होता है तो चेक देने वाले व्यक्ति को अब सजग रहने की जरूरत है. इस स्थिति में अगर चेक बाउंस हुआ तो खाता धारक को जुर्माना भरना पड़ेगा. इस नियम का उद्देश्य चेक बाउंस के फ्राड को रोकने का है. अब अगर किसी का चेक बाउंस हुआ तो तुरंत कार्यवाही की जाएगी. और अगर यह मामला कोर्ट तक पहुच गया तो पीड़ित का जितना मुकदमे के दरम्यान पैसा खर्च होगा उसका 20% खाताधारक को देना पड़ेगा.
यह 20% खर्च धनराशि खाता धारक को 60 दिनों के अंदर ही देने होगें. यह जुर्माना तो मुकदमे में हुए खर्च के लिये देने होंगे. खाता धारक यदि कोर्ट के द्वारा बरी हो भी जाता है फिर भी उसकी मुश्किलें कम नहीं होंगी. खाता धारक शिकायत कर्ता को ब्याज सहित रकम वापिस करना होगा. चेक बाउंस होने की घटनाये इन दोनों बहुत तेजी बढ़ रही है. लोगों का विश्वास इस विधा के द्वारा ट्रांजेक्शन से उठ रहा था. लोग अक्सर इसका शिकार होते थे. जिसको देखते हुये कोर्ट द्वारा यह कदम उठाया गया है. लोकसभा बिल पारित होने के वक्त इस नियम को शामिल किया गया है. अब इस नियम को राज्य सभा में भेजा जाएगा और राज्य सभा के द्वारा इस नियम के लागू होने की मोहर लगने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के द्वारा इस पर सहमति मिलने पर यह नियम लागू हो जाएगा. इस नियम से अगर यह मामला कोर्ट में जाता है तो इसका हल भी जल्द ही किया जाएगा. इस नियम से लोगों के जिनके विश्वास बैंकिंग से उठ रहे थे, वो वापस आने की उम्मीद दिख रही है. इस नियम में शामिल जुर्माने खाता धारक को ऐसी गलती करने से रोकेंगे.