आज के आधूनिक यूग में तकनीक इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है कि यंहा कुछ भी हो पाना आज मुमकिन हो गया है। आज हर रोज के हिसाब से तकनीक अपने पैर पसारती जा रही है। ऐसा ही एक मामला देखने को आया है जंहा वैज्ञानिकों ने नामुमकिन दिखने वाले काम को मुमकिन कर दिया है। याद है रजनीकांत की रोबोट फिल्म जिस्मे चिट्टी नाम के रोबोट के भीतर इंसानी जज्बात डाले गए थे, ऐसा ही कुछ जापान की एक वैज्ञानिक टीम ने किया है। इस टीम ने एक रोबोट तैयार किया है जो एक छोटे बच्चे की भाति दिखाई देता है। इस बच्चे के भीतर भी इंसानी जज्बात डाले गए हैं। इसके बाद यह रोबोट इंसानो की तरह ही दुख तकलीफ खुशी महसूस कर सकता है। शायद आप इस बात पर यकीन न कर पाएं लेकिन यह सच है।
एफेट्टो है रोबोट का नाम
Creepy #affetto child robot pic.twitter.com/8lDCHFH4OR
— Rich Tehrani (@rtehrani) November 22, 2018
ओसाका यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा यह रोबोट बनाया गया है। इस टीम के ही एक वैज्ञानिक ने सोशल मीडिया पर इस रोबोट की वीडियो भी शेयर की है। इस रोबोट को एफेट्टो नाम दिया गया है। इस नाम का अर्थ है स्नेह यानी प्यार है। इसे बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है यह है कि वह समय अब दूर नहीं है कि इंसान बड़ी आसानी से रोबोट के साथ न केवल रह पाएंगे बल्कि उनसे अपनी दुख तकलीफ भी साझा कर पाएंगे।
2018 में किए गए हैं बदलाव
हालांकि इस अनोखे रोबोट को साल 2011 में पहली बार प्रदर्षित किया गया था। इसके बाद साल 2018 में इसमें कई तरह के अहम बदलाव किए गए। रोबोट में इलेक्ट्रिकल चार्ज के जरिए सिंथेटिक स्किन लगाई गई है, जिससे वह बिल्कुल इंसान की तरह दिखता है।
कर रहे और बेहतर
फिलहाल वैज्ञानिक इस रोबोट में एक स्पर्श और दर्द तंत्रिका तंत्र लगा रहे हैं, जो रोबोट को दर्द महसूस करने और दूसरों के स्पर्श को महसूस करने में मदद करेगा। प्रोफेसर असादा ने बताया कि अगर ऐसा हो जाता है, उसके बाद देखा जाएगा कि क्या रोबोट में नैतिकता और सहानुभूति भी लाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि अगर सबकुछ सही रहा तो ये रोबोट जापान के बूढ़े लोगों के बहुत काम आ सकता है।