कई बार ऐसा होता है, कि लोग प्रॉपर्टी में प्लॉट, जमीन, दुकान इत्यादि खरीद तो लेते हैं परंतु इनके विभिन्न प्रकार के बनने वाले कानूनी कागज बनाने के बारे में नहीं पता होता है। लोग इस विषय में इधर-उधर पूछते रहते हैं लेकिन सही जानकारी नहीं मिल पाती। जमीन या प्रॉपर्टी से संबंधित चीज खरीदते वक्त हमें उसकी रजिस्ट्री कराना बहुत अनिवार्य होता है। इसके हो जाने से उस जमीन के मालिक का पता लगता है। अब आपको रजिस्ट्री कैसे करवाएं इधर-उधर पूछने की जरूरत नहीं है। केवल आप इस लेख को पूरा पढ़ कर ही समझ जाएंगे कि किसी भी प्रॉपर्टी की कैसे रजिस्ट्री करवाते हैं। चलिए तो जानते हैं कि आखिर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कैसे (नियम) करवाते हैं?
मकान / प्लाट / जमीन की रजिस्ट्री के नियम निम्नलिखित दिए गए हैं-
- सर्वप्रथम आपको जिस प्रॉपर्टी (मकान / प्लाट / जमीन) कि रजिस्ट्री करवाना है, उस प्रॉपर्टी की एरिया के अनुसार कीमत निकालनी होगी। इस बात का ध्यान रखें कि उस एरिया में बिक रही प्रॉपर्टी की कीमत के अनुसार ही आप अपनी प्रॉपर्टी की वैल्यू निकाले। इसके साथ आप की प्रॉपर्टी के पास सरकारी जमीन का भी रेट पता करें।
- सरकारी प्रॉपर्टी और गैर सरकारी प्रॉपर्टी में से जिस प्रॉपर्टी की कीमत ज्यादा होगी उस पर स्टांप ड्यूटी रेट लगेगा। अगर हम इसको उदाहरण के तौर पर देखें तो मान लें कि आप की दुकान की कीमत 8 लाख रूपए है लेकिन सरकारी रेट के अनुसार उस दुकान की कीमत 10 लाख रूपए है, तो आपको कीमत 10 लाख रूपए के हिसाब से ही स्टांप ड्यूटी देनी होगी।
- इस प्रक्रिया के बाद अब आपको प्रॉपर्टी की कीमत के अनुसार गैर न्यायिक (Non-judicial) स्टांप ड्यूटी पेपर खरीदने पड़ते हैं और आपको खरीदने के लिए इधर उधर परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आप कोर्ट से इन्हें बड़े आसानी से खरीद सकते हैं।
- गैर न्यायिक स्टांप ड्यूटी पेपर खरीदने के पश्चात आपको कोर्ट से क्रय विक्रय यानी सेल डीड के कागज बनवाने होते हैं। इस कागजात में जमीन बेचने वाला बहुत ही साफ शब्दों में लिखकर देगा कि मैंने यह जमीन आपको या फलाने व्यक्ति को बेच दी है और इसके बदले में मैने इतने रुपए लिए हैं। सबसे खास बात यह लिखता है, कि इस जमीन का मालिक आज के बाद फलाना व्यक्ति होगा। और इन सब बातों के अलावा और भी कई अन्य बातें लिखी जाती हैं।
- इसके पश्चात प्रॉपर्टी के पूर्व मालिक और वर्तमान मालिक को Sub-Registrar यानी कि उप पंजीकरण अधिकारी के पास जाना होगा। यहां आपको दो गवाहों के साथ आकर सब डॉक्यूमेंट को रजिस्टर करवाना होता है। इन लाए गए गवाहों के पास स्वयं का पहचान पत्र होना चाहिए जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड इत्यादि।
यहां पर आपके सभी डॉक्यूमेंट की जांच करने के पश्चात अगर आपके डॉक्यूमेंट सही पाए गए तो आपके सभी डॉक्यूमेंट जमा कर लिए जाएंगे। इसके पश्चात आपको कुछ दिनों बाद रजिस्ट्रार के ऑफिस से प्रॉपर्टी के रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट मिल जाएगा। रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रार के ऑफिस से पंजीकृत होगा।