ज्यादा तला-गला और मसालेदार खाने से पेट में जलन और एसिडिटी की समस्या होना आम बात है. रमजान के दौरान रोजेदार रोजा रखते हैं. ऐसे में वे सहरी या इफ्तारी में बहुत ज्यादा मसालेदार चीजें खा लेते हैं. इसमें मसालेदार चिकन, प्याजी, पकौड़े, बिरयानी आदि शामिल होती हैं. ऐसी चीजें खाने से उनके पेट में जलन और एसिडिटी होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. क्योंकि यह समस्या पूरे दिन खाली पेट रहने के बाद एकदम से ऐसी चीजें खाने से बढ़ती है.
इन मसालेदार चीजों में गर्मी पैदा करने वाले यौगिक को शरीर आसानी से अवशोषित नहीं कर पाता है. यही वजह है कि लोगों के स्टूल या शौच में भी मसाले के कण होते हैं, और इनका प्रभाव आपके मुंह और रेक्टम में भी तीखा ही रहता है. इस तरह की समस्या किसी के साथ भी हो सकती है, लेकिन चिड़चिड़े आंत्र या इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) और जठरांत्र संबंधी या गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल (gastrointestinal) समस्याओं वाले लोगों को ऐसी तकलीफें ज्यादा होती हैं.
वैज्ञानिक भाषा में, एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) कहा जाता है. कई लोग सोचते हैं कि पेट की जलन केवल पेट में ज्यादा एसिड बन जाने से होती है, लेकिन कई बार यह पेट में कम एसिड बनने से भी हो सकती है.
सवाल यह उठता है कि पेट में जलन की ऐसी समस्याओं को कैसे कम किया जाए. तो इसका सीधा-सा जवाब है कि खान-पान में कुछ चीजों को कंट्रोल करके और कुछ चीजों को खाकर पेट में जल की समस्या को कम किया जा सकता है. यह घरेलू नुस्खे रोजेदारों को भी जरूर अपनाने चाहिए.
– इफ्तार या सहरी में ज्यादा मसालेदार और तेल वाले चिकन खाने से बचना चाहिए. ऐसी चीजें खाने से पित्त से शरीर की अतिरिक्त फैट को पचाने की शक्ति को प्रभावित करती हैं, जो आपके मलद्वार के आसपास की त्वचा को परेशान कर सकता है. इससे पेट में जलन पैदा होती है.
– अगर ज्यादा मसालेदार चिकन, बिरयानी या पकौड़े खा भी लिए हैं तो इसके बाद राहत पाने के लिए ईसबगोल (psyllium) जैसे फाइबर पूरक ले सकते हैं. इसके लिए एक गिलास पानी या दूध में डालकर पी सकते हैं. इसके अलावा रोजेदारों को ढेर सारा पानी पीना भी पी सकते हैं.
– ज्यादा तीखा और मसालेदार खाना खाने के बाद एक गिलास दूध या लस्सी जरूर पीना चाहिए. दूध के उत्पादों में कैसियान (casein) नामक एक प्रोटीन होता है जो मसालेदार पदार्थों में कैप्सैसिन (capsaicin) से जुड़कर शरीर में तंत्रिका रिसेप्टर्स को बांधने की क्षमता कम करता है. इससे पेट में उठने वाली जलन कम हो जाती है.
– मसालेदार भोजन खाने के बाद यदि आपके गुदा या अनस (anus) में जलन और खुजली होती है, तो आप अपने हिप्स को यथासंभव साफ और सूखा रखने की कोशिश करें.
– पेट में जलन को कम करने के लिए सेब के सिरके को पानी में घोलकर पी लेना चाहिए. एक गिलास पानी में 2-3 चम्मच सिरका और एक चम्मच शहद से शरबत बनाया जा सकता है.
– एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से भी पेट की जलन को कम किया जा सकता है.
– एसिडिटी की परेशानी को कम करने के लिए भोजन करने के कुछ देर बाद एक गिलास ठंडा दूध पीना फायदेमंद माना जाता है. – पेट की जलन से बचाने के लिए मिल्क ऑफ मैग्नीशिया लिक्विड काफी अच्छा माना जाता है. यह मार्केट में आसानी से मिल जाता है. इसे बॉटल में लिखे इंस्ट्रक्शन के अनुसार लेना चाहिए.
– मसालेदार और तीखा खाने के बाद पेट और सीने में जलन को कम करने में मैस्टिक गम चबाना राहत दे सकता है. यह भी किराना दुकान में आपको मिल जाएगा.
– जब भी पेट या सीने में जलन की शिकायत हो, तो ठंडी दही का सेवन करना लाभदायी माना जाता है.
– एक गिलास पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर पिया जा सकता है. स्वाद के लिए इसमें शहद और नींबू भी मिलाया जा सकता है.
– एसिड रिफ्लक्स से राहत पाने के लिए केला, सेब या पपीते का सेवने किया जा सकता है. – जब भी आप कुछ खाएं खासकर जब ज्यादा मसालेदार खाएं, उसके बाद बादाम का सेवन करने से जलन से बचा जा सकता है.