Friday, September 20, 2024
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बच्चों (Children) को बुद्धिमान बनाने के कुछ उपाय

बच्चों (Children) को बुद्धिमान बनाने के कुछ उपाय

by Nayla Hashmi
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सामान्य रूप से 15 साल से कम के सभी लड़के-लड़कियों की गिनती बच्चों (Children) में की जाती है। बच्चों से ही बना शब्द है बचपन! वो समय जो व्यक्ति के सीखने का होता है। वो समय जो किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास का आधार होता है।

बचपन के समय बच्चों (Children) को जो संस्कार दिए जाते हैं या जीवन से और ज्ञान से जुड़ी जितनी बातें सिखाई जाती हैं, वो उसको जीवन भर याद रहती हैं और वो उन्हीं के आधार पर आगे बढ़ता है। 

बचपन वह अवस्था है जिसमें बच्चे की अधिगम शक्ति या लर्निंग पॉवर तेज़ होती है और जब बच्चे को मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से शक्तिशाली बनाया जा सकता है।

अब बताते हैं आपको बच्चों (Children) के मानसिक विकास के बारे में। जैसा कि पहले भी बताया गया है कि बच्चों में किसी भी चीज़ को सीखने की क्षमता एक व्यक्ति के मुकाबले अत्यधिक तीव्र होती है। बच्चे (Children) अपने आसपास के वातावरण से प्रभावित होकर भी बहुत कुछ स्वयं ही सीख लेते हैं।

बच्चों (Children) की बुद्धि का विकास-

बच्चों (Children) को बुद्धिमान बनाने के कुछ उपाय

1. बच्चों (Children) का भावनात्मक बुद्धि (शून्य से 18 महीने)-

भावनात्मक बुद्धि जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट है कि इसमें बच्चे की भावनाओं की अभिव्यक्ति के बारे में बात हो रही है जैसे – हंसना, रोना, गुस्साना, खेलना, चिढ़ना इत्यादि। 

उच्च स्तर की अभिव्यक्ति के लिए बच्चों को अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए। छोटे बच्चे अपनी अभिव्यक्ति के द्वारा ही अपना हाल बताते हैं, जैसे उन्हें कब भूख लगी है, कब गर्मी या सर्दी लग रही है या वो कैसा महसूस कर रहे हैं!

बच्चों की अभिव्यक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से अभिभावक पर निर्भर करता है कि वे बच्चे (Children) से किस तरह व्यवहार करते हैं।

2. बच्चों (Children) की वाणी तथा भाषा का विकास (शून्य से 10 वर्ष)

ये वो समय होता है जब बच्चा बोलना शुरू करता है और सीखते सीखते भाषा पर पूरी तरह सामंजस्य स्थापित करता है। इस समय उनसे बात करना, अच्छी आदतें सिखाना व उन्हें अच्छी कहानियाँ सुनाना चाहिए जिससे बच्चे की वाणी और भाषा दोनों का विकास अच्छी तरह हो। 

3. बच्चों (Children) की गणित और तर्कशक्ति (एक से 5 वर्ष) 

इस समय कई सारे कौशल बच्चों में पनपते हैं जैसे दृष्टि, ध्वनि, स्पर्श आदि ऐसे में बच्चे को रंगों का ज्ञान देना, अलग तरह की खिलौने देना और पजल क्रॉसवर्ड जैसे गेम खेलना सिखाना चाहिए जिससे उनका मानसिक विकास सुचारू रूप से चले।

बच्चे को बुद्धिमान बनाने से पहले बच्चे को समझदार तथा संस्कारी बनाना भी आवश्यक है। इसके लिए इन बिंदुओं पर गौर करें-

  • बच्चे को उठने-बैठने, बात करने का तरीका बताना चाहिए। 
  • बच्चे की छोटी से छोटी ऐक्टिविटी पर ध्यान देना चाहिए। 
  • बच्चे की पसंद ना पसंद, रुझान की ओर ध्यान देना चाहिए।
  • मोबाइल तथा टीवी एक सीमित समय के लिए देना चाहिए। 
  • सुबह जल्दी उठने व रात को जल्दी सोने की आदत डालना चाहिए।
  • स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सेहतमंद चीजें ही खाने को देना चाहिए। 
  • बच्चे के आहार में फल, फ्रूट, दूध, हरी सब्जी, जूस आदि को शामिल करना चाहिए।
  • बच्चे को गलत-सही व अच्छे-बुरे के बीच का फर्क बताना चाहिए। 
  • बच्चे को बड़ों का आदर करना सिखाना चाहिए। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में बच्चों को मोबाइल, टीवी इत्यादि से बहुत लगाव होता है जो कि उनकी आंखों और उनके मानसिक विकास के लिए बहुत घातक है। इन्ही सब उपकरणों की वजह से बच्चे घर से बाहर खुली हवा में नहीं जाना चाहते और फिर आलसी हो जाते हैं। इससे बच्चे को शुद्ध हवा भी नहीं मिलती जिससे उनके मानसिक एवं शारीरिक विकास दोनों पर दुष्प्रभाव देखने को मिलता है।

बच्चे (Children) की प्रथम पाठशाला उसका घर-

बच्चों (Children) को बुद्धिमान बनाने के कुछ उपाय

बच्चे को पहली सीख उसके घर और उसके बड़ों से ही मिलती है। वहीं से बच्चा सीखता है। उसका अनुकरण करके बच्चा काफी कुछ सीख लेता है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है ‘भाषा!’ भाषा का विकास माहौल के हिसाब से होता है।

 अगर घर वाले हिंदी बोलें तो बच्चा स्वयं ही हिंदी बोलने लगता है। इसी प्रकार घर वाले अंग्रेजी या भोजपुरी बोलते हैं तो बच्चा भोजपुरी या अंग्रेजी बोलने लगता है और धीरे धीरे उसके शब्दों का कलेक्शन बढ़ता है। स्कूल में भी बच्चा वही बोलता है जो उसे घर में सिखाया जाता है। इस तरह ये स्पष्ट है कि पहला अध्ययन पारिवारिक परिवेश के आधार पर ही होता है और जीवन के प्रथम अध्याय का ज्ञान उसे घर से ही मिलता है। 

बच्चे (Children) को बचपन से बुद्धिमान कैसे बनाएं?

बच्चों (Children) को बुद्धिमान बनाने के कुछ उपाय

ये संसार इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि सभी अभिभावकों को ये चिंता रहती है कि उनके बच्चे का सही विकास कैसे हो और उसके लिए हर संभव प्रयास भी करते हैं। अभिभावक के पूर्ण सहयोग से ही बच्चा घर में ही बहुत कुछ सीख लेता है जो कि उसके मानसिक एवं शारीरिक दोनों विकास के लिए फायदेमंद है।


  1. बच्चे की छोटी छोटी चीजों को अनदेखा न करें। 
  2. बच्चे को स्टोरी बुक्स पढ़ने को दें ताकि उसका दिमाग क्रिएटिव बने। उसके सोच विचार की क्षमता बढ़े और उसकी शब्दावली का विकास हो।
  3. बच्चे को साथ बिठाकर होमवर्क कराएं। अध्यापक के साथ साथ खुद भी पूरा ध्यान रखें।
  4. बच्चे को आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे वो शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ रहे।
  5. बच्चे को टीवी, मोबाइल व अन्य गैजेड्स से दूर रखें।
  6. बच्चे के सामने अच्छी बाते करें, रूटीन से रहें, एक्सरसाइज करें।
  7. बच्चे की छोटी छोटी कोशिशों पर उन्हें प्रोत्साहित करें जिससे उनमें आत्मविश्वास बढें।
  8. बच्चे को डांटने व मारने से परहेज करें और प्यार से समझाएं।
  9. बच्चो को ब्लॉक से खेलने की आदत डालें जिससे उनकी तर्कशक्ति, कल्पनाशक्ति, समस्याओं का समाधान करने की शक्ति का विकास हो।
  10. बच्चे को पर्याप्त मात्रा में नींद मिलना भी जरूरी है।
  11. बच्चे को उचित मात्रा में प्रोटीन व विटामिन से परिपूर्ण पौष्टिक आहार दें।
  12. बच्चे को पजल और क्रॉसवर्ड जैसे खेलों से परिचित कराएं।
  13. बच्चे के खाने में दूध, अंडा, मांस, फल, सब्जी, दाल आदि को शामिल करें।
  14. बच्चे को शाब्दिक ज्ञान से ज्यादा प्रयोगात्मक अध्याय से सिखाएं।
  15. बच्चे को ज्ञान रहित नई नई चीजों के बारे में बताएं।
  16. बच्चे को आस पास के परिवेश से अवगत कराएं जैसे आस पास दिखने वाली प्राकृतिक वस्तुओं, जीव-जंतु आदि।

Conclusion-

बच्चों (Children) का मानसिक एवं शारीरिक विकास दोनों एक दूसरे पर निर्भर करता है और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए दोनों का ही ठीक होना अत्यंत आवश्यक है। बच्चे के मानसिक विकास में अभिभावक के साथ साथ अध्यापक या शिक्षक का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि जीवन की प्रत्येक अवस्था में शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक विकास भी होता रहता है।

बचपन में बच्चे की अधिगम शक्ति तथा स्मरण शक्ति तेज़ होती है तो यह हमारा कर्तव्य है कि हम बच्चे पर पूरी तरह से ध्यान दें ताकि वो जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें। 

आशा करते हैं हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर आप इससे रिलेटेड कुछ और पूछना चाहते हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें।

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