भाग-दौड़ भरी लाइफ के चक्कर में कई लोग ब्रेकफास्ट करना भूल जाते हैं या फिर लंच स्किप कर देते हैं. इसकी बजाय भूख मिटाने के लिए वो कुछ भी तला-भूना या फास्ट फूड खा लेते हैं. कुछ लोग रूटीन में खान-पान रखते हैं. तो कुछ लोग सिर्फ दो ही टाइम का खाना खाते हैं. जबकि ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता है. आहार विशेषज्ञ तो तीन बार खाने की सलाह देते हैं या फिर 5 बार के खाने का रुटीन बनवा रहे हैं. हालांकि इन दौरान भोजन की उतनी ही मात्रा होती है जितनी तीन बार में खाई जाती है. आइए जानते हैं कि एक इंसान को दिन में कितनी बार भोजन करना चाहिए.
कैसा होता है तीन बार वाला भोजन पैटर्न:
तीन बार के भोजन पैटर्न को अमूमन ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. इसमें ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर शामिल होता है. जबकि इसके अलावा कुछ भी नहीं खाया जाता है. पैटर्न में ब्रेकफास्ट में ऐसी चीजें ली जाती हैं जिससे खाने वाले को दोपहर तक भूख नहीं लगती है. इसके बाद लंच कम हैवी होता है जबकि डिनर लाइट होता है. बिजी शेड्यूल में ब्रेकफास्ट या लंच को कम ज्यादा किया जा सकता है, लेकिन मात्रा में दिन में तय किए गए खाने से ज्यादा या कम नहीं होनी चाहिए.
क्या-क्या होता है पांच बार मील्स पैटर्न:
इसमें दिनभर के भोजन को पांच हिस्सों में बांटा जाता है. इसमें ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर तो होता ही है. जबकि ब्रेकफास्ट या लंच के बीच कुछ हल्का फुल्का और लंच के बाद शाम को कुछ-कुछ खाया जाता है. अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए यह सबसे बेहतर मील पैटर्न होता है. एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसा पैटर्न अपनाने से न केवल बीच-बीच में जंक फूड खाने से बचा जा सकता है, बल्कि मोटापे की समस्या को भी बचा जा सकता है.
क्या फर्क है दोनों में:
एक तरह से दोनों पैटर्न सही है. लेकिन पांच बार वाला मील्स पैटर्न ज्यादा अच्छा है. कुछ बीमारियों जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम और डायबिटीज के मरीजों को पांच बार खाने की सलाह तो डॉक्टर भी देते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए तो हर तीन चार घंटे में कुछ न कुछ हेल्दी खाने की सलाह डॉक्टर देते हैं. ताकि मरीज का ब्लड में शुगर का लेवल मेंटेन रहे. जबकि छोटे बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए भी पांच बार मील्स का पैटर्न सबसे बेहतर हो सकता है. इससे बच्चों और बुजुर्गों को भोजन पचाने में आसानी होगी और उन्हें लगने वाली ज्यादा भूख भी खत्म होगी.
दोनों पैटर्न वालों को ये तो जरूर करना चाहिए-
– तीन बार वाला मील पैटर्न लेने वाले लोगों को ब्रेकफास्ट-लंच और लंच-डिनर के बीच भरपूर मात्रा में पेय पदार्थ पीते रहना चाहिए.
– पीने में साधारण पानी से बेहतर रहेगा नींबू पानी, नारियल पानी या फिर जूस.
– अगर हैवी डिनर कर रहे हैं तो कोशिश करें कि सोने से 3 घंटे पहले निपटा लें.
– 5 मील्स पैटर्न वालों को बीच-बीच में चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए इससे भूख मर जाएगी. और आपका मील पैटर्न बिगड़ जाएगा.
– 5 बार खाने का मतलब ज्यादा खाने से कतई नहीं है. जितना आप तीन बार के मील्स में खाते हैं उतना ही 5 बार में खाना है. इसमें खतरा यही है कि कई बार लोग ओवरडाइटिंग कर जाते हैं.