माता-पिता को सम्मान देना बहुत अच्छी बात होती है लेकिन आपका विवाह जब हो जाता है, तब माता-पिता के साथ-साथ अपनी पत्नी को भी खुश रखना आपका कर्तव्य होता है इसलिए अपने मम्मी पापा के साथ-साथ अपनी पत्नी पर भी ध्यान दें।
अगर कोई लड़की घर छोड़कर आती है, तो उसकी आपसे कुछ आकांक्षाएं होती हैं, उन आकांक्षा को पूर्ण करना आपका कर्तव्य होता है। बहुत से लड़के ऐसे होते हैं जिनका मां के प्रति बहुत झुकाव होता है और मां की कोई बात न मान पाने के कारण वह अक्सर अपनी पत्नी को गुस्सा कर देते है।
ऐसा ना करें। आप आपस में बैठकर दोनों की बात सुने और फिर समस्या का हल निकाले।
अपनी पत्नी के लिए भी समय निकालें
अगर आप बहुत दिन से किसी काम में व्यस्त हैं और आप ऑफिस से भी लेट आते हैं और आपकी पत्नी चाहती है कि आप थोड़ा बहुत समय उसके लिए भी निकालें तो आप हर काम का मैनेजमेंट करके पत्नी को भी घुमाने ले जाएं। उसके साथ कुछ वक्त गुजारे जिससे उसको भी अच्छा लगेगा और अगर आप प्यार से समझाएंगे तो वह आपकी सारी बातें मानने लगेगी।
पर्सनल बातें खुद तक सीमित रखें
कुछ लड़कों की आदत होती है, वह छोटी से छोटी बातें अपनी मां को बताते हैं। इससे आपकी निजी संबंध तो खराब होते हैं, साथ ही आपका दांपत्य जीवन में भी परेशानी आने लगती है।
जो बेहद जरूरी बातें हैं, वह अपनी मां को बताएं लेकिन जो ज्यादा जरूरी न हो वह मां को न बताएं। दोनों को टाइम दे अपनी मां से जिस तरीके से प्यार से बात करते हैं उसी तरह अपनी पत्नी को भी प्यार करें।
अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहें
पत्नी का कर्तव्य है, कि वह अपने पति की हर बात को समझने की कोशिश करें कि उसने किस वजह से ऐसी बात की और अपनी मां को यह बात बताने की पीछे उनका क्या मतलब था।
अपने कर्तव्य को अच्छी तरह समझें अपने पति से जीवनसाथी होने के साथ-साथ एक दोस्त जैसा व्यवहार करें हर बात शेयर करें और उनकी मां का अच्छे से ख्याल रखें मां को चाय नाश्ता और खाने का कहना ना भूले, जिससे पति को भी बहुत अच्छा लगेगा और वह आपकी भावनाओं को भी समझेगा।
सास का कर्तव्य
सास का कर्तव्य है कि वह अपनी बहू को बेटी की तरह रखें बहू की भावना और इच्छा को ध्यान में रखें। इससे आप दोनों के रिश्ते में मिठास बनी रहेगी और रिश्ता काफी मजबूत बना रहेगा। कभी-कभी आप दोनों के बीच में लड़ाई हो जाए तो हम खुद अपनी गलती हो तो मान सकते हैं क्योंकि इससे हमारे रिश्ते तो मजबूत होते हैं।
साथ ही साथ परिवार भी एकजुट होकर संतुलन बना रहता है इसलिए बड़े छोटे का भेद कम करते हुए अपनी गलती को मान कर या अगर आपकी बहू की गलती है, तो उसे समझा कर रिश्तों में मिठास पैदा करें और अपने जीवन को खुश और सुखी बनाए। जीवन जीने के नजरिए को समझिए आप अपने परिवार के साथ हमेशा बहुत खुश और सुखी रह सकते हैं।