आज के इस बदलते दौर में हमारी जनरेशन ना सिर्फ़ विकास के पथ पर अग्रसर है बल्कि वह काफ़ी हद तक स्ट्रेस के उस मार्ग पर भी है जो ना सिर्फ़ उसको परेशान करता है बल्कि कभी कभी तो उसे सीरियस इंजरीज भी दे देता है। अगर हम ये कहें कि हम आजकल बच्चों में साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम आमतौर पर देख सकते हैं तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
बच्चों का साइकोलॉजिकल डेवलपमेंट अच्छे से हो इसके लिए पेरेंट्स को काफ़ी ज़्यादा सावधानी बरतनी होती है। यक़ीन मानिए बचपन में की गई परवरिश में किसी भी तरह की कोताही आगे चलकर बच्चे को मेंटली रिटायर्ड कर सकती है। बच्चों के साथ माता पिता और घर वालों के संबंध हेल्दी होने चाहिए फिर चाहे वे दोस्ती के रूप में हो या फिर किसी और रूप में! अब बात आती है कि आख़िर बच्चों के साथ हेल्दी रिलेशन किस तरह बनाए जाएं तो शायद नीचे दिए गए पॉइंट्स आपकी मदद कर सकते हैं। बस ज़रा एक नज़र उन पर डाल लीजिए।
1. कम्यूनिकेशन करें मज़बूत
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा हेल्दी बीईंग कहलाए और आपसे अपनी हर बात शेयर करे तो ये बहुत ज़रूरी है कि आप उसके साथ अपना कम्युनिकेशन अच्छा रखें।
कम्युनिकेशन एक ऐसा ज़रिया है जो कि आपके बच्चे को ये एहसास दिलाता है कि आप उसके लिए कितने सजग हैं। अगर आप अपने बच्चे से ढंग से कम्युनिकेट नहीं करते हैं तो ये आपके बच्चे को इंट्रोवर्ट या यूं कहें अपने खोल में बंद रहने वाला बना सकता है।
2. भूल कर भी कंपेयर न करें
अगर आप अपने बच्चे को किसी अन्य बच्चे से कंपेयर करते हैं और कहते हैं कि वो उसके जैसा क्यों नहीं बन रहा है तो हम आपको बता दें कि आपको अपनी ये आदत फ़ौरन ख़त्म करनी होगी। ये आपके बच्चे को आपकी तरफ़ से निगेटिव कर सकता है। इतना निगेटिव कि बच्चा आगे चलकर कई बड़े साइकोलॉजिकल डिसॉर्डर से सफ़र कर सकता है।
3. ओवर पेरेंटिंग से बचें
ओवर पेंटिंग का मतलब है कि बच्चे को हर चीज़ एक लिमिट में दें फिर चाहे वो आपका प्यार, आज़ादी या फिर पैम्परिंग ही क्यों न हो।अगर आप अपने बच्चे को हद से ज़्यादा प्यार करते हैं या हद से ज़्यादा आज़ादी दे देते हैं तो ये दोनों ही चीज़ें नुक़सानदेह हैं। पहली बात अगर आप अपने बच्चे को हद से ज़्यादा प्यार देने लगते हैं तो ये उसे कहीं न कहीं कमज़ोर कर देता है अर्थात वो आगे चलकर दुनिया को फ़ेस करने में असमर्थ हो सकता है।
दूसरी चीज़ अगर आप अपने बच्चे को हद से ज़्यादा आज़ादी दे देते हैं मतलब आपको कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता कि आपका बच्चा क्या कर रहा है तो आपकी इस आदत की वजह से आपका बच्चा ना सिर्फ़ बिगड़ सकता है बल्कि उसे ऐसा भी महसूस हो सकता है कि आपको उसकी बिलकुल भी परवाह नहीं है। ऐसे में वो ना सिर्फ़ मेंटल डिसऑर्डर या प्रॉब्लम्स को ही फ़ेस करेगा बल्कि काफ़ी हद तक सोशियोलॉजिकल डिलेमाज़ को भी झेलेगा।
4. माता पिता के बीच का विवाद न करें रिवील
वाद विवाद और झगड़े किसके बीच नहीं होते हैं लेकिन अगर आप माता पिता हैं तो आपको थोड़ा सा ध्यान रखना होगा। आप दोनों के बीच कोई भी विवाद या झगड़ा हो रहा हो तो बच्चों के सामने इस चीज़ को बिलकुल भी रिवील न करें। बच्चों के सामने आपको बिलकुल नॉर्मली मिल जुलकर रहना होगा ताकि आपका बच्चा इनसिक्योर फ़ील ना करें।
वैसे हम आपको एक सलाह और देना चाहेंगे कि अगर आपके बीच किसी भी तरह का कोई विवाद हो रहा हो तो उसे जितनी जल्दी हो सके सुलझा लें। ये ना सिर्फ़ बच्चों के लिए फ़ायदेमंद होगा बल्कि आपकी ज़िंदगी के लिए भी काफ़ी सही होगा क्योंकि बात बढ़ते बढ़ते रिश्ता तोड़ सकती है जिससे कि ना सिर्फ़ बच्चे की परवरिश पर असर पड़ेगा बल्कि आपके मेंटल लेवल को भी काफ़ी नुक़सान पहुँचा सकता है। तो ये सलाह माता पिता दोनों के लिए है!