09 दिसंबर, 2020. आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय द्वारा मरीजों की सुरक्षा और देखभाल को बढ़ावा देने के लिए विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। फार्माईजी की रिपोर्ट के मुताबकि, हर साल 2 लाख से अधिक लोग चिकित्सा त्रुटियों के कारण मर जाते हैं।
आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष (कार्यवाहक) डॉ. पीआर सोडानी ने आउटलुक ऑफ इंडियाज हेल्थकेयर इंडस्ट्री 2020 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, “2020 तक भारत में बायोसिमिलर बाजार $ 0.9 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि टेलिहेल्थ बाजार जो $450.1 मिलियन का है, जो 2026 तक 21 प्रतिशत सीएजीआर तक बढ़ने की संभावना है। महामारी की घटना के कारण पूरी दुनिया जबरदस्त बदलाव के दौर से गुजर रही है।”
कोविड -19 के दौरान मरीजों की देखभाल को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल, ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली, ई-अस्पतालों जैसी ई-स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत, पूरे देश में सभी के लिए स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा रहे हैं।
शैल्बी अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अनुभव सुखवानी ने कहा कि “कोविड-19 में रोगी की देखभाल में एक बड़ा परिवर्तन देखा गया है। पहले मेडिकल टीम लक्षणों और उपचार पर ध्यान केंद्रित करती थी लेकिन अब यह कोविड में अधिक समग्र दृष्टिकोण में बदल गया है जिसमें रोग से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श और अधिक लक्षित पोषण संबंधी जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है। इसके अलावा योग, ध्यान और व्यायाम के साथ बेहतर जीवन शैली प्रथाओं का पालन करने के लिए एक प्रमुख भूमिका को परिभाषित किया गया है।”
पिछले 7 महीने में, शैल्बी अस्पताल ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए बिस्तर की क्षमता बढ़ा दी है ताकि कोविड के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद कर सकें। समर्पित डॉक्टरों और कर्मचारियों ने अस्पताल में चैबीस घंटे, गैर कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग मार्ग और लिफ्ट की व्यवस्था की है जिसके चलते रोगियों के लिए कोई क्रॉस संक्रमण, विशेष ओपीडी सेवाएं, होमकेयर और रनिंग फ्लू क्लिनिक, डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजिकल परीक्षण उपलब्ध हैं।
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