Tuesday, November 5, 2024
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उत्तराखंड क्वारंटीन सेंटर लोगों की मदद के लिए हंस फाउंडेशन ने बढ़ाया हाथ

by Sunil Negi
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पोखड़ा,रिखणीखाल,देवप्रयाग,पंतनगर और चंपावत में बने क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा रहा है हंस फाउंडेशन

वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन चल रहा है। जिसके चलते शहरों में रह कर अपना जीवन यापन कर रहे लाखों की संख्या में लोगों अपने घर-गॉव को लौटे है।

इन में कई लोगों तो शहरों से कई किलो मीटर की पैदल यात्रा कर अपने गांव की ओर लौटे है। लाखों की संख्या में अपने खेत-खलिहानों को लौटे इन लोगों को केंद्र एवं राज्य सरकारों ने अपने घरों तक पहुंचने से पहले जगह-जगह बनाएं गए क्वारंटीन सेटरों में ठहराया है। इन सेंटरों में इन प्रवासियों के लिए रहने-खाने की व्यवस्थाएं राज्य सरकारों के माध्यम से तो की ही जा रही है।

साथ ही कई सामाजिक संगठन इन क्वारंटीन सेटरों में रह रहे प्रवासियों की मदद के लिए आगे आए है। जिसमें अग्रणीय भूमिका निभा रहा द हंस फाउंडेशन। जो उत्तराखंड में प्रवासियों के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों के लिए बड़ी मदद के तौर पर खाद्य सामग्री एवं रोजमर्रा के काम में आने वाला जरूरी उपलब्ध करवा रहा है।

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The Hans Foundation readying the stock to help the quarantined people

उत्तराखंड के पोखड़ा, रिखणीखाल,देवप्रयाग,चंपावत और ऊधम सिंह नगर में बने क्वारंटीन सेंटरों में प्रदान की जा रही है खाद्य सामग्री

हंस फाउंडेशन ने कोविड-19 संक्रमण के चलते उत्तराखंड लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए स्थापित क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों की मदद के हाथ बढ़ाया है।

इस दिशा में उत्तराखंड के पोखड़ा,रिखणीखाल और देवप्रयाग में राज्य सरकार द्वारा बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों के लिए खाद्य सामग्री एवं अन्य जरूरी सामान प्रदान कर रहा है। जिससे बाद इन क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों उत्तराखंडियों को समय पर भोजन और अन्य जरूरत का सामान उपलब्ध हो रहा है।

इसी के साथ उत्तराखंड के चंपावत एवं ऊधम सिंह नगर में बने क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों के लिए हंस फाउंडेशन ने राशन किट के साथ-साथ 5000 बेडिंग सैट,तकिया कवर,मोसक्यूटो मेट और 500 टेबल फैन,चंपावत के लिए 100 टेबल फैन प्रदान किए है। ताकि इन लोगों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

आपको बता दें कि हंस फाउंडेशन माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज के आशीष से ऑपरेशन नमस्ते अभियान के माध्मय से पोखड़ा ब्लॉक में 92 रिखणीखाल ब्लॉक 109 और देवप्रयाग ब्लॉक में स्थापित क्वांरटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों की मदद के लिए शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए निरंतर खाद्य सामग्री और उनकी जरूर का सामना प्रदान कर रहा है।

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The Hans Foundation helping the quarantined people of Uttarakhand

सरकार और प्रवासियों ने कहा धन्यवाद हंस फाउंडेशन 

कोविड-19 संक्रमण के चलते महामारी की आगोश में फंसे देश को उभारने के लिए हंस फाउंडेशन माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज की प्रेरणा से उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश,राजस्थान,बिहार-झारखंड,पश्चि बंगाल,आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी,महाराष्ट्र,सिक्किम,अरूणाचल.प्रदेश,छत्तीसगढ़,केरला,दिल्ली,हरियाणा,हिमाचल प्रदेश,कर्नाटका और पंजाब सहित देश के कई अन्य हिस्सों में ऑपरेशन नमस्ते अभियान के माध्यम से सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन करते हुए डिजिटल इंडिया के माध्यम से लाखों गरीब परिवारों तक राशन,मास्क और तमाम दूसरी सेवाएं पहुंचा रहा है।

इस सेवा के मार्ग को आगे बढ़ाते हुए हंस फाउंडेशन अब देश भर में कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार द्वारा अपने घरों को लौट रहे लोगों के ठहरे के लिए बनाए गए क्वांरटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों के लिए खाद्य सामग्री एवं रोजमर्रा में काम में आने वाले जरूरी सामान उपलब्ध करवा रहा है। जिसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार और क्वांरटीन सेंटर में रह रहे लोगों ने हंस फाउंडेशन और माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज का आभार प्रकट किया है।

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The Hans Foundation helping the quarantined people

पहाड़ लौटे लोग हमारे अपने है,उनसे घृणा न करें,उनको इस संकट के समय में सम्मान दे – माता मंगला जी

कोविड-19 संक्रमण के चलते लॉकडाउन होने से देशभर से लगभग 2 लाख प्रवासी उत्तराखंडी पहाड़ लौटे है। पहाड़ लौटे प्रवासियों को आश्वस्त करते हुए माता मंगला जी ने अपने संदेश में कहा हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण ने पुरी दुनिया की रफ्तार रोक दी है। दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है जो इस महामारी की चपेट में न आया हो।

कई लोगों ने अपने पूरे परिवार को खो दिया है। हजारों लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है,जो लोगों रोजी-रोटी की तलाश में अपने गांव से शहरों को गए थे। वह इस महामारी के डर से,कई दिक्कतों का सामना करते हुए अपने घरों को लौटे है। क्योंकि उनके पास लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। ऐसे में कई बार सुनने में आ रहा हैं कि अपने घरों को लौटे इन लोगों को घृणा की दृष्टि से देखा जा रहा है। यह बहुत ही दुःखद है।

हम सब को सोचना होगा की समझना होगा की यह सब हमारे अपने है। इनसे घृणा न करें,इस संकट के समय में इन्हें सम्मान दें। इन्हें अपने होने का एहसास कराएं। आज हम सब एक ऐसे मुकाम पर खड़े है। जहां हमारे साथ सिर्फ और सिर्फ कष्ट चल रहे है। हमें इन कष्टों को हराकर आगे बढ़ना है।
माता मंगला जी ने अपने संदेश में कहा हैं कि उत्तराखंड में आज बड़ी संख्या में लोगों अपने घरों को लौटे है। ऐसे में हमारी प्राथमिकता है। इन लोगों के चूल्हों की आंच कम न हो,इनके घरों में चूल्हें जलते रहे। लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे इसके लिए हम निरंतर कार्य कर रहे है।

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The Hans Foundation reaching out to help the quarantined.

इस संकट के समय में देश के खड़ा है हंस फाउंडेशन

आपको बता दें कि हंस फाउंडेशन इस संकट के समय में इस महामारी से लड़ने के लिए पीएम केयर्स फंड में 4 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष 1 करोड़ 51 लाख रुपये की राशि प्रदान तो कर ही चुका है। साथ ही कोरोना वायरस से लड़ने के देश भर में तैयार कई अस्पतालों को सहयोग भी प्रदान कर रहा है। ताकि इस महामारी से देश को जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके।

 

 

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