GST को लेकर बाजार गर्म नजर आने लगे हैं. बता दें कि देश में एक देश-एक कर का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है. जी हां आपको बता दें कि 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो जाएगा, ऐसे में एक अहम सवाल यह बना हुआ है कि आखिर किन वस्तुओं पर इसका प्रभाव पड़ेगा. लोगों में एस बात को लेकर उत्सुकता बनी हुई है किस चीज़ पर कितना टैक्स लगेगा और लोगों की जेब पर कितना असर पड़ेगा. इस गर्मजोशी माहौल में सोशल मीडिया पर भी कई तरह की खबरें भी वायरल हो रही हैं. इन दिनों एक MMS वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने पूजा सामग्री पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाया है, और मांस को टैक्स फ्री कर दिया है.
अब सवाल ये उठता है कि सरकार आखिर चाहती क्या है. सरकार के इस निर्णय से लोगों के दिमाग में एक ही सवाल उठ रहा है कि सरकार सभी को मांस खिलाना चाहती है क्या? इस वायरल मैसेज के दौरान कई धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली भाषा का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
किन किन चीजों पर पड़ेगा प्रभाव:
गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने से (GST) व्यवस्था में खादी धागा, गांधी टोपी, राष्ट्रीय झंडा पर कोई कर नहीं लगेगा. वहीं नकली आभूषण, मोती और सिक्के पर 3 फीसदी शुल्क लगेगा. इसके अलावा जीएसटी परिषद ने पूजा के सामान के तहत बेचे जाने वाले रूद्राक्ष, खड़ाउ, पंचामृत, तुलसी माला, पवित्र धागा और विभूति जैसे जिंसों को पूजी सामग्री के अंतर्गत रखने का फैसला किया और कहा कि जीएसटी के अंतर्गत इस पर छूट होगी.
बिजनेस पर भी पड़ेगा असर:
इंश्योरेंस कंपनियों ने भी नीति-निर्माताओं को बताया दिया है कि टैक्स के बोझ से बीमा प्रीमियम भी महंगे हो जाएंगे। इसका सबसे ज्यादा असर फुल टर्म इंश्योरेंस प्लान्स पर पड़ेगा जहां लेवी 15% से बढ़कर 18% हो जाएगी। जैसे- अगर 1 करोड़ रुपए के टर्म प्लान के लिए आप हर साल 25,000 रुपए भरते हैं तो इस पर जीएसटी से 4500 रुपए का टैक्स का बोझ झेलना पड़ेगा जो अभी 3,750 रुपए पड़ता है। अगर आपका प्रीमियम 10,000 रुपए सालाना का है और आप अभी 75 रुपए सर्विस टैक्स देते हैं तो जीएसटी के लागू होने के बाद आपको 90 रुपए देने होंगे।
होटलों ने भी दिया अलर्ट:
फाइव स्टार होटल भी अपने ग्राहकों को मेल भेजकर अलर्ट कर रहे हैं। सभी होटल अपने कस्टमर्स को बता रहे हैं कि टैक्स के बोझ के बाद सर्विस महंगी हो जाएगी। हालांकि, सरकार ने कहा था कि वर्तमान में जितना सर्विस और स्टेट टैक्स पड़ता है, जीएसटी भी कुल मिलाकर उतना ही पड़ेगा।
सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के तर्क में अब भी सरकार को दम नजर नहीं आ रहा है। एक अधिकारी ने बताया, ‘उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट को ग्राहकों तक पहुंचा देना चाहिए जिससे कि कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो। हम इसके बारे में मंत्रालयों से अनुरोध करेंगे कि वह इस पर ध्यान दें ताकि ग्राहकों को ज्यादा मुनाफे के चक्कर में लूटा ना जा सके।’
इन चीजों पर भी नहीं होगा कोई कर:
मदिरा या शराब की बात करें तो इस क्षेत्र को सरकार ने पूरी तरह से बाहर है. संविधान संशोधन विधेयक में इसका जिक्र किया गया है.
पेट्रोलियम पदार्थो में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस अभी तक बाहर रखे गये है. लेकिन तकनीकी तौर पर ये समझना जरुरी है कि ये संविधान में संशोधन के बाद हैं तो जीएसटी की दायरे में, लेकिन जीएसटी काउंसिल का फैसला है कि इन पर जीएसटी कुछ समय बाद ही लागू होगा. तब तक मौजूदा व्यवस्था के तहत केंद्र सरकारें और राज्य सरकारें उनपर कर लगाती रहेंगी. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं जीएसटी से पूरी तरह बाहर हैं.