Friday, November 15, 2024
hi Hindi

गोपालदास नीरज के सदाबहार फिल्मी गाने, आज भी सुनते है चाव से लोग

by Pratibha Tripathi
868 views

सांसों की डोर के आखिरी मोड़ तक बेहतहरीन नगमे लिखने के ख्वाहिशमंद मशहूर गीतकार और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित मशहूर कवि, शायर और गीतकार गोपालदास नीरज का 19 जुलाई 2018 को निधन हो गया. वो 93 वर्ष के थे. नीरज जिंदगी, प्रेम और विरह की सच्चाइयों को बयान करने वाले रचनाकार के तौर पर विख्यात हैं. उन्होंने कुछ वक्त तक फिल्मों के लिए भी गीत लिखे. ये गीत आज भी चाव से सुने जाते हैं.

आइए नीरज के लिखे कुछ सदाबहार गानों पर नजर डालते हैं जिनके शब्दों का कोई जबाव नहीं…

https://www.youtube.com/watch?v=C_dI4mXlxNg

कई चैनलों के मुताबिक 1970 के दशक में लगातार तीन वर्षों तक उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

1971 में आई एक फिल्म शर्मीली इस फिल्म का एक गाना “आज मदहोश हुआ जाये रे मेरा मन..मेरा मन” बहुत लोकप्रिय हुआ था.

https://www.youtube.com/watch?v=xwFstp6EtL0

1971 में “गैंबलर” फिल्म का गाना आज भी अपनी बोल की वजह से सुना जाता है. किशोर कुमार की आवाज में “दिल आज शायर है गम आज नगमा है”.

1971 में आई फिल्म “शर्मीली” का एक और गाना आज भी चाव से सुना जाता है. नीरज के लिखे “खिलते हैं गुल यहां..मिलके बिखरने” को किशोर कुमार ने अपनी जादुई आवाज में गाया था.

1969 में आई हिंदी फिल्म “चंदा और बिजली” का गाना “काल का पहिया घूमे भैया” काफी लोकप्रिय हुआ था.

1968 में शशिकपूर की फिल्म “कन्यादान” का ये गाना “लिखे जो खत तुझे” को हिंदी फिल्मों के क्लासिक गाने में शुमार किया जाता है.

1970 में देवानंद की फिल्म “प्रेम पुजारी” आई थी. इसमें नीरज का लिखा एक गीत था- “फूलों के कलम से, दिल की कलम से”.

 

SAMACHARHUB RECOMMENDS

Leave a Comment