खर्राटें लेना एक आम समस्या बन गई है। भारत में 13% महिलाएं और एक तिहाई पुरुष खर्राटे की समस्या से परेशान है।
खर्राटे आने की वजह कुछ भी हो सकती है। बहुत सारे लोगों का मानना है, कि अधिक वजन खर्राटों का मुख्य कारण है। वजन को नियंत्रित करना आवश्यक है।
भजन नियंत्रण के लिए घरेलू तरीकों से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दिन हो या रात कभी भी सोते समय खर्राटे आने लगते हैं। ऐसा नहीं है कि 1 दिन या 2 दिन खर्राटे आए यह हमेशा की समस्या बन जाती है। खर्राटे आने की समस्या को साधारण नहीं समझना चाहिए, इसका इलाज करना आवश्यक है।
खर्राटों से छुटकारे के लिए घरेलू उपाय
हमारी रसोई में ही खर्राटों को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। अदरक और शहद आराम से घर की रसोई में उपलब्ध सामग्री है। अदरक और शहद की चाय पेट दर्द, खांसी, सर्दी, वजन घटाने और दिल से संबंधित बीमारियों में मदद करती हैं। खर्राटों का संबंध हमारे गले से होता है। गले को आराम देने के लिए अदरक और शहद की चाय दो बार पीने से गले को आराम मिलता है। अदरक वैसे भी कई सारी बीमारियों को और पाचन के लिए बेहतर होता है।
जैतून का तेल

Olive Oil
हमारे स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए वनस्पति तेल की जगह जैतून के तेल का खाने में उपयोग करना चाहिए। जैतून का तेल ह्रदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों को रोकता है। जैतून के तेल कि कुछ बूंदों को सोते समय पानी मिलाकर पीना चाहिए। इससे गला और नाक दोनों खुल जाते हैं। खर्राटों का संबंध तो नाक और गले से होता है। दिल का दौरा आज सामान्य बात है, दिल को स्वस्थ रखने के लिए वनस्पति तेल की जगह जैतून के तेल का उपयोग खाना पकाने में करना चाहिए।
फलों के सेवन से लाभ

Adding Fresh Fruits To Diet
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए। अनानास, संतरा और केले में मेलाटोनिन हार्मोन पाया जाता है। यह हार्मोन नींद आने में मदद करता है। नींद अच्छी आने के लिए फलों का सेवन आवश्यक है। नींद अच्छी आएगी तो खर्राटे नहीं आएंगे। शरीर में जरूरी तत्वों की कमी भी पूरी होगी।
प्याज और लहसुन का सेवन

Onion and Garlic
लहसुन तो बहुत सारे बीमारियों में फायदेमंद होता है। खाली पेट लहसुन की कली खाने से बीपी नियंत्रित रहता है। लहसुन और प्याज खाने से गले में दर्द और सूजन कम होती है। लहसुन प्याज का सेवन स्लीप एपनिया से भी बचाता है। हमें अपने खाने में लहसुन और प्याज का सेवन करना चाहिए। जिससे और सारी बीमारियों से बचाव हो सके।
पुदीना तेल से मदद

Mint Oil
पुदीना गले और नाक की नली में आने वाली सूजन को कम करता है। जिससे सांस लेने में आसानी होती है। पानी में पुदीने की कुछ बूंदें डालें और सोते समय इस पानी के गरारे करें। ऐसा करने से नाक और मुंह दोनों ही स्वस्थ रहेंगे। सांस नली से सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। दिन में एक दो बार पुदीने के तेल की बूंद डालकर गरारे करना अच्छा रहेगा। खर्राटों का मुख्य कारण गले और नाक में सूजन होती है। भाप लेना भी अच्छा होता है। यह गले और नाक की सूजन को कम करता है। हम घरेलू तरीकों से खर्राटों को रोक सकते हैं।