रिटायरमेंट से पहले वित्तीय स्थिति को मजबूत कर लेना आवश्यक होता है। रिटायरमेंट के बाद पैसा कम होना मुश्किल में डाल सकता है। व्यक्ति जब तक नौकरी करता है उसका खर्च अच्छा चलता है। रिटायरमेंट के बाद आमदनी भी आधी हो जाती है, तो खर्चे के लिए पहले से ही बचत की शुरुआत कर देनी चाहिए। रिटायरमेंट अपनी जिंदगी का ऐसा दौर होता है जब बचत के भरोसे ही जीवन यापन करना पड़ता है। युवावस्था में तो कमा कर हम वित्तीय स्थिति को संभाल सकते हैं।
लोगों के मन में इस तरह के कई सवाल होते हैं की रिटायरमेंट के बाद खर्च मैनेज करना। हम आपको बताते हैं कि रिटायरमेंट से पहले बचत के ऐसे तरीके अपनाएं कि पहले जैसी इनकम बनी रहे। कई लोग सोचते हैं रिटायर होने के बाद पैसे का इन्वेस्टमेंट करेंगे। जब आमदनी ही आधी हो जाएगी तो बचत कहां से कर पाएंगे। रिटायरमेंट के बाद कोई काम करना नहीं भी संभव नहीं होता। नौकरी में रहते हुए अपनी सैलरी में से बचत की आदत डालें। बचत के लिए वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेकर इन्वेस्ट करें।
निवेश के कुछ तरीके
अगर आप अपनी सैलरी का 35 से 40% तक की बचत करते हैं, तो 20 साल में आप अच्छा खासा पैसा बचाकर अपने खर्चों को मैनेज कर सकते हैं। ज्यादातर लोग इस बात से डरते हैं कि रिटायरमेंट आने तक सारा पैसा खत्म हो जाएगा। समय रहते बचत के तरीके अपनाकर अपनी फाइनेंसियल स्थिति को मजबूत करें। कर्ज लेकर की गई खरीदारी से बचें। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तभी करें जब आपको अत्यधिक पैसे के आवश्यकता हो। बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी और पारिवारिक खर्च कभी कम नहीं होते, बढ़ते ही जाते हैं। अपने पैसे को इस तरह इन्वेस्ट करें कि आगे जाकर पैसे से संबंधित परेशानी का सामना ना करना पड़े।
म्यूचल फंड में एसआईपी के माध्यम से
आपकी उम्र 25 साल है जब से ₹22000 महीने की एसआईपी करते हैं, तो 20 साल बाद आपको लगभग दो करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। म्यूचल फंड में 20 साल तक आपने 52,18,200 रुपए का इन्वेस्ट किया। आपकी राशि बढ़कर 1,47,81,800 रुपए हो जाती है। यह आपको सोचना है कि रिटायरमेंट के बाद कितना पैसा आपको लगेगा। पैसे के हिसाब से अपने इन्वेस्टमेंट को करें। जिससे आगे जाकर वित्तीय समस्या का सामना ना करना पड़े।
एलआईसी के द्वारा बचत करते
एलआईसी की पॉलिसी लेकर आप अपने जीवन में बचत कर सकते हैं। एलआईसी की बच्चों के लिए उनकी पढ़ाई के लिए या फिर रिटायरमेंट की पॉलिसी लेकर अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। छोटे से छोटा निवेश भी जरूरत के वक्त हमारा सहारा बनता है।
यूटीआई रिटायरमेंट बेनिफिट पेंशन फंड
इस फंड को 26 दिसंबर 1994 को लांच किया गया था। इसमें निवेश करके रिटायरमेंट की प्लानिंग कर सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस लेकर
रिटायरमेंट के बाद हेल्थ की सबसे ज्यादा चिंता होती है। मेडिकल इमरजेंसी को देखते हुए पारिवारिक हेल्थ इंश्योरेंस लेकर बहुत सारे खर्चे से बच सकते हैं। आज के समय में सबसे ज्यादा खर्च बीमारी के इलाज मैं होता है। अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर अपने परिवार को सुरक्षित करें।