Thursday, March 6, 2025
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फेफड़ों को तंदरूस्‍त रखेंगे ये फाइबर फूड, श्‍वसन रोगों से मिलेगा छुटकारा

by Yogita Chauhan
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लंग्स यानी फेफड़े शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनको पहुंचने वाली क्षति या इनमें पनपने वाली बीमारी जीवन के लिए गंभीर संकट उत्पन्न् कर सकती है। यही कारण है कि विशेषज्ञ बार-बार शुद्ध हवा को फेफड़ों तक पहुंचाने के लिए कहते हैं। हाल ही में हुए एक नए शोध के अनुसार फाइबर से भरपूर खान-पान, शरीर के इस महत्वपूर्ण अवयव को दुरुस्त बनाए रखने में बहुत मददगार हो सकता है और इससे गंभीर लंग डिसीज से बचाव में भी बहुत मदद मिल सकती है।

 सिगरेट के अलावा और भी हैं शत्रु

फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने के मामले में धूम्रपान को सबसे बड़े शत्रु के रूप में देखा जाता है लेकिन धूम्रपान के अलावा और भी कई चीजें हैं जो इन्हें क्षति पहुंचा सकती हैं। इनमें गंभीर संक्रमणों के अलावा कुछ विशेष जेनेटिक स्थितियां भी शामिल हैं। यदि इन पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकती हैं। खास बात यह है कि लंग्स के मामले में बचाव को लेकर बहुत कम उपाय हैं और ऐसे में फाइबर युक्त भोजन का सेवन काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

प्रतिदिन का जरूरी सेवन

उपरोक्त शोध के अनुसार वे लोग जिनके भोजन में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है, वे फेफड़ों को स्वस्थ रखने में ज्यादा सक्षम हो सकते हैं। शोध के दौरान यह पाया गया कि वे लोग जिन्होंने प्रतिदिन 20 ग्राम या इससे ज्यादा फाइबर का सेवन किया उनके लंग्स बाकी लोगों की तुलना में अधिक सुचारू रूप से काम कर पाए।

यही नहीं फाइबर का भरपूर सेवन करने वाले लोग इस शोध के दौरान करवाए गए महत्वपूर्ण ब्रीदिंग टेस्ट में भी बढ़िया प्रदर्शन कर पाए और उनके फेफड़े बाकी लोगों की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली पाए गए। इस सबके अलावा इसके पूर्व के शोध यह साबित कर चुके हैं कि फाइबर रिच डाइट हृदय रोगों, डाइबिटीज आदि जैसे कई रोगों के मामले में भी लाभकारी साबित हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं को रोजाना 20-25 ग्राम और पुरुषों को 30-35 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।

साबुत अनाज खाने की आदत डालें

फाइबर रिच फूड के मामले में सबसे अच्छी बात यह है कि यह आसानी से और कम खर्चे में भी उपलब्ध हो सकते हैं। उदाहरण के लिए रोजमर्रा के भोजन के दौरान बनने वाली रोटी के लिए कई सारे अनाजों को एक साथ मिलाकर बना आटा प्रयोग में लाएं और इसे बिना छाने उपयोग करें। इसके अलावा इन स्रोतों को भी अपनाया जा सकता है-

फलों और अनाजों को साबुत खाने की आदत डालें

मक्का, बींस, चौला फली, सेम फली, राजमा, छोले आदि

पपीता, एवोकाडो, नाशपाती, रेस्पबेरी, सेब आदि

पालक, ब्रोकली, मटर, गाजर आदि

ओटमील, बादाम, आटे की ब्रेड, ब्राउन राइस आदि।

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