गायों की सेवा करो, रोज नवाओ शीश ।
खुश होकर देंगी तुम्हें,वे लाखों आशीष।।
बछड़े उनके जोतते, खेत और खलियान ।
जिनसे पैदा हो रहे, रोटी-सब्जी-धान।।
बची नहीं गायें अगर, ऐसा होगा हाल ।
तरसेंगे फिर दूध को, इस माटी के लाल।।
जब भी हो अंतिम समय, करिये गैया दान ।
हमको यह समझा रहे, अपने वेद पुराणं।।