Wednesday, November 13, 2024
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राजस्थान की प्रसिद्ध दाल बाटी बनाने की विधि

by Divyansh Raghuwanshi
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दाल बाटी एक पारंपरिक व्यंजन है जो मुख्य रूप से राजस्थान में बनाया जाता है लेकिन मालवा के साथ साथ यह भारत में सभी जगह लोकप्रिय है। बाटी बनाना आसान काम नहीं होता। बाटी बनाने में टाइम भी लगता है और उन्हें अच्छी तरह खस्ता और मुलायम बनाई जाती हैं। अगर बाटी में मोटे आटे का प्रयोग किया जाए तो अच्छा होता है। बाफला बनाते समय उस में दही डालने से स्वाद अच्छा बन जाता है। मोयन के रूप में घी या दोनों का उपयोग कर सकते हैं। बाटी जब तक खस्ता और मुलायम नहीं होती अच्छी नहीं लगती। मालवा के शान बाफला खाने में बहुत स्वादिष्ट लगता है। बाफला कई तरह से बनाया जाता है। दाल और बैंगन के भरते के साथ बाफले का मजा दुगना हो जाता है। आज हम ओवन में बने बाफला बाटी को तैयार करते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • गेहूं का आटा -2 कप
  • सूजी -1/2 कप
  • दही -आधा कप
  • घी – 2 टेबलस्पून
  • घी -आधा कप
  • अजवाइन – आधा छोटी चम्मच
  • जीरा – आधा छोटी चम्मच
  • नमक – स्वादानुसार
  • बेकिंग सोडा -1/4 छोटी चम्मच

बाफला बनाने की विधि

बाफला बनाने के लिए किसी परात मेंआटा निकाल लीजिए। आटे में धीरे धीरे सूजी का मिक्स करें। आटे और सूजी को मिलाने के बाद उसमें दही दो टेबलस्पून, नमक, जीरा, अजवाइन और बेकिंग सोडा डालकर अच्छे से मिलाएं। सब को मिलाने के बाद पानी को थोड़ा-थोड़ा डालकर आटा भूत कर तैयार करें। आटे को रोटी के आते से कड़ा बनाएं। आटे को अच्छी तरह हाथ में घी लगाकर मसले।

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   थोड़ी देर के लिए आटे को ढक कर रख दें उसके बाद आटे को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। लेई ज्यादा छोटी भी नहीं होना चाहिए। लिखो हाथ में उठा कर हथेलियों की मदद से बाटी का आकार देकर प्लेट में रखें। इस प्रकार सभी बाटियों को बना कर रख दें।

गैस ऑन करके एक भगोने में 6 कप पानी भरकर गर्म करने रख दे। पानी उबल जाने पर उसमें एक-एक करके बाटियों को डालें। बेटियों को 15 से 20 मिनट तक उबलने दें। भाटिया के उबाल आने पर बाटी फुल कर ऊपर आ जाती है। बाटियों के ऊपर आ जाने पर उन्हें पलट दे। इस प्रकार भाटियों को अच्छे से दोनों तरफ सिकने दे। गैस को कम करके बाटियों को सिकने दो।

बाटियों के अच्छे से सिक जाने के बाद गैस बंद करके उन्हें पानी से बाहर निकाल ले।

बाटियों को तलना

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थोड़ी देर बाद पैन में चार पांच चम्मच भी डालें। ई गर्म होने के बाद भाटियों को सीखने के लिए मीडियम आंच पर रख दें। बाटियो को सिकते समय तेज आंच नहीं करनी चाहिए।पेन में बाटियों को पलटाकर भी सेके। दोनों तरफ से बाटियों के ब्राउन कलर का हो जाने तक सिकने दें उसके बाद बाटियों को पेन से बाहर निकाले। इस प्रकार धीरे-धीरे करके सभी बाटियो को सेक लें। सभी पार्टियों के सीख जाने पर उन्हें एक प्लेट में बाहर निकाल ले। बटियों को पड़ोसते समय उन के टुकड़े करके उसमें ऊपर से थोड़ा सा घी लगाकर परोसे। बाटियों को दाल और बैंगन के भरते के साथ मजे के साथ खाया जाता है। स्तर छुट्टी वाले दिन या घर पर कोई मेहमान आए तो उन्हें दाल बाफला चूरमा टेस्टी डिश बनाकर खिला सकते हैं।

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