साइकिल, बाइक, कार इत्यादि में उपयोग होने वाले टायर की वजह से नदियों में प्रवास करने वाली छोटी बड़ी मछलियों को नुकसान हो सकता है। जी, हां दोस्तों चौकने की आवश्यकता नहीं है। हाल ही में हुए एक शोध में अध्ययनकर्ताओं ने इस बात का दावा किया गया है।
इन टायरों में इस्तेमाल होने वाले जहरीले केमिकल के कारण नदियों एवं अन्य जल स्त्रोतों का पानी तो बड़ी मात्रा में दूषित हो ही रहा है, इसके साथ ही इस दूषित पानी से मछलियां भी मर रहीं हैं। शोध में शामिल अध्ययनकर्ताओं ने आने वाले भविष्य के लिए चेतावनी दी है, कि अगर यह काम इसी तरह चलता रहा तो इसके कारण भयानक परिस्थिति देखने को मिल सकती है। हम कह सकते हैं, कि किसी ना किसी रूप में इन टायरों के निर्माण से पर्यावरण ही प्रदूषित हो रहा है।
हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए इस अध्ययन से जानकारी मिली है, कि नदियों में केमिकल फैलने से प्रमुख रूप से मछली ‘सालमन’ की मृत्यु हो रही है जो टायरों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस केमिकल का उपयोग वाहनों के टायरों की समय सीमा और अधिक बढ़ाने के लिए किया जाता है। वाहनों के टायर निरंतर इस्तेमाल से घर्षण के कारण घिस जाते हैं और जिन सूक्ष्मकण से टायर घिसते हैं वह पानी के माध्यम से नदियों और इत्यादि जल स्त्रोतों में पहुंच जाते हैं जिससे पानी दूषित हो जाता है।
यह शोध अमेरिका में किया गया था जिसमें पाया गया कि नदियों का पानी दूषित हो रहा है। वह जहरीला केमिकल कोई और नहीं जो मछलियों की जान ले रहा है बल्कि उस केमिकल का नाम 6PPD है। इस केमिकल की खास बात यह है, कि यह टायरों की ओजोन के साथ प्रतिक्रिया होने से अवरुद्ध करता है। दरअसल इस केमिकल के कारण दूसरा केमिकल उत्पन्न होने लगता है जिसके कारण तेजी से मछलियों की मृत्यु होने लगी है। यह केमिकल सड़कों से बारिश के पानी में बहकर मुख्य रूप से नदियों में पहुंचता है। इस केमिकल के कारण मछलियों की प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। इस शोध के प्रमुख लेखक एडवर्ड क्लॉजिएच और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के एनवायर्नमेंटल केमिस्ट का दावा है, कि जलीय जीव वास्तव में कई जहरीले केमिकल का सामना कर रहे हैं लेकिन हम यह स्पष्ट रूप से नहीं जानते कि यह और कितने ऐसे खतरनाक केमिकल का सामना कर रहे हैं। हमने दो हजार रसायनों के मिश्रण से जांच की शुरूआत की और पड़ताल करते हुए हम बहुत ही जहरीले केमिकल तक पहुंचे जिससे बहुत मछलियों की मृत्यु हो रही है।
आमतौर पर सालमन मछलियां साफ पानी में जन्म लेती है और वहीं पर अपना जीवन का पहला साल व्यतीत करतीं है। इसके पश्चात वह अपना पूरा जीवन खुले समुद्र में व्यतीत करतीं हैं। अंत में कुछ ही मछलियां वापस आकर मरने से पहले अंडे देती हैं। शोध में पता चला कि सालमन मछलियां अंडे देने से पहले ही मर जातीं हैं।