हर बार दिवाली के त्योहार के दौरान पटाखे जलाने की वजह से दिवाली के बाद शहरों में पलूशन और स्मॉग की मोटी चादर दिखने लगती थी लेकिन इस साल तो दिवाली से पहले ही स्मॉग की मोटी चादर ने दिल्ली-एनसीआर को घेर रखा है। ऐसे में पर्यावरण के साथ-साथ खुद को भी बीमार पड़ने से बचाने के लिए बेहद जरूरी है कि इस साल हम सब ग्रीन दिवाली मनाएं ताकि हमारा सेलिब्रेशन पर्यावरण के अनुकूल हो। ग्रीन दिवाली मनाने के लिए इन आसान टिप्स को आजमाएं…
पटाखों से बनाएं दूरी
वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पटाखों से दूरी बनाना ही बेहतर होगा। आप खुद तो पटाखे ना ही खरीदें, साथ ही आप चाहें तो दूसरों को भी पटाखे न खरीदने को लेकर जागरूक कर सकते हैं। पटाखों का जहरीला धुंआ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और वातावरण में भी कई दिनों तक स्मॉग बनकर छाया रहता है। लिहाजा इस साल दिवाली को दूसरों के लिए भी सुरक्षित बनाएं।
प्लास्टिक बैग यूज न करें
प्लास्टिक पर बैन लगने के बावजूद बड़ी संख्या में दुकानदार और खरीददार अब भी प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्लास्टिक मिट्टी के उपजाऊपन को नुकसान पहुंचाता है और ये आसानी से नष्ट भी नहीं होता। पर्यावरण संरक्षण में छोटा सा योगदान देते हुए आप चाहें तो कपड़े के या जूट के बने बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गिफ्ट पैक करने के लिए ग्रीन रैपर
गिफ्ट पैक करने के लिए भी बड़े पैमाने पर प्लास्टिक रैपर का इस्तेमाल होता है। न्यूज पेपर से बने या ग्रीन फैब्रिक से बने रैपर का इस्तेमाल करें या ब्राउन बैग यूज करें। आप चाहें तो अपनी सुविधा के हिसाब से घर पर ही गिफ्ट रैपर बना सकती हैं। इसके लिए चार्ट पेपर यूज करें और क्रिएटिव डिजाइन बनाकर गिफ्ट को अच्छे से रैपर करें।
एलईडी लाइट यूज करें
एलईडी लाइट ऊर्जा की बचत करने वाले उत्पादों में एक उपयोगी आविष्कार है। लोग अनावश्यक बिजली के खर्च से बचने के लिए इसे खरीदते हैं लेकिन इससे पर्यावरण की भी सुरक्षा होती है। इस दिवाली साधारण लाइट्स खरीदने की बजाए एलईडी लाइट्स खरीदें। इसे बनाने में गैलियम फॉस्फाइड का इस्तेमाल होता है जिसकी वजह से कम ऊर्जा में भी यह अच्छा प्रकाश देता है।