जनता जब आंदोलन करती है तो कुछ ऐसे क्षण सामने आते हैं जब उसे ठहरकर अपने बारे में कुछ नया फ़ैसला करना पड़ता है. जम्मू-कश्मीर की आज़ादी की तहरीक के सामने अभी ऐसा ही एक मौक़ा है. जी हां हम बात कर रहे हैं श्रीनगर में नौहट्टा की जामा मस्जिद के पास तैनात पुलिस अधिकारी अयूब पंडित की जिसकी जिहादियों ने पीट-पीट कर बड़े ही दर्दनाक तरीके से हत्या कर डाली.
पुलिस अधिकारी अयूब पंडित को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला आखिर वो भी तो मुसलमान ही था. आखिर ऐसा क्या कर दिया था इस अधिकारी ने, वो भी तो मुसलमान ही था.
डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल हो गया वह कहतीं है “अब मैं किस क़ब्र में और कहां-कहां तलाश करने जाऊंगी.” अयूब की मौत के बाद पूरे घर में सन्नाटा पसरा हुआ है.
लोगों का कहना है कि अय्यूब मस्जिद के अन्दर कब्र के पास तस्वीरें ले रहे थे जिस पर भीड़ को ग़ुस्सा आ गया और उसने उन्हें घेरकर पीटना शुरू कर दिया, उनके कपड़े फाड़ डाले.
कुछ लोगों का आरोप है कि DSP को भीड़ ने मस्जिद के सामने इसलिए पीटकर मार डाला क्योंकि वो वहां भारत विरोधी नारे लगाने वालों और मौजूद पत्थरबाजों के वीडियो बना रहे थे. जब उस अधिकारी ने आत्मरक्षा में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोलियां चलाईं तो भीड़ और भड़क उठी और फिर पीट-पीट कर उनका क़त्ल ही कर दिया.
ये दर्दनाक मंजर आज मध्य युग के उस समय की याद दिलाता है, जिसकी कल्पना इस्लामिक स्टेट करता है. ये भीड़ अचानक एक तालिबानी के रुप में बर्ताव, मोहम्मद अयूब पंडित की हत्या को बयां करने के लिए सिर्फ एक शब्द दर्शाता है बर्बरता.
हालांकि डीएसपी मोहम्मद अय्यूब पंडित की पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में कथित तौर पर संलिप्त तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह जानकारी राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने दी है. पुलिस महानिरीक्षक एसपी वैद ने कहा, इस मामले में हमने 12 लोगों की पहचान की है और इनमें से पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. शुक्रवार को डीजीपी ने कहा था कि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक अन्य की पहचान की गई है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस कृत्य में शामिल लोगों को नहीं बख्शने का संकल्प लिया है.