नयी तकनीकी की ड्राइवर लेस कार अब सफर को और आसान करने वाली है.अक्सर भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास वक्त कम पड़ जाता है. अब दौर ड्राइवर लेस यानी कि चालक रहित कार का शुरू होने वाला है. यात्रा के दौरान अब चालक अपना वक्त जाया न करके उसका इस्तेमाल कर सकता है.
ड्राइवर लेस कारों पर रिसर्च
सबसे पहले गूगल ने चालक रहित कारो को बनाने के लिए रिसर्च शुरू किया था, लेकिन अब टेस्ला मोटर्स, जीएम और फोर्ड जैसी कई नामी कंपनियां इस क्षेत्र में अपना कदम बढ़ा रही हैं. भारत भी इस तरह के कार को निर्माण करने के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है.
भारत की चालक रहित कार
आई आई टी रुड़की के छात्र रहे संजीव शर्मा ने भारत की पहली चालक रहित कार का सफल परीक्षण किया है. संजीव शर्मा के मुताबिक टू व्हीलर गाड़ी को छोड़कर शेष सभी वाहनों में चालक रहित टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है. कार, ट्रक टैंकर जैसे सभी वाहनों में यह तकनीकी सम्भव है.
कितनी सुरक्षित है यह चालक रहित कार
टेक्नोलॉजी के हिसाब से देखा जाए तो यह चालक रहित कार ज्यादा सुरक्षित होगी, क्योंकि यह चालक रहित कार मैं इस्तेमाल टेक्नॉलॉजी 1 सेकंड में 40 बार निर्णय ले सकती है. जबकि मनुष्य में 1 सेकंड में केवल 10 बार ही निर्णय लेने की क्षमता होती है.
कैसे चलती है कार
इस तरीके की कार रोबोटिक तकनीकी पर आधारित होती है. इस कार में 8 कैमरे लगाए जाते हैं. इसमें GPS सिस्टम होता है, और इसमें तीन कंप्यूटर की आवश्यकता होती है. एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए डायरेक्शन के लिये कमांड देना पड़ता है. जिसके बाद कैमरा फोटो कैप्चर करता है और उस फोटो के द्वारा गाड़ी के आसपास का डायग्राम बनाता है. नक्शे के हिसाब से गाड़ी का कंट्रोलिंग पावर यह डिसाइड करता है कि रफ्तार कितनी भरनी है.