अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे मानने को तैयार नहीं है। कैपिटल हिल बिल्डिंग पर हमला शर्मनाक घटना है। वाशिंगटन डीसी में होने वाला हमला अमेरिका इतिहास की बेहद शर्मनाक घटना है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को लेकर ट्रंप समर्थक अपनी हार मानने को तैयार नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप एक रैली के दौरान व्हाइट हाउस में अपने समर्थकों को संबोधित किया।
डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और परिणाम स्वीकार ना करने की बात कही जिसे लेकर हजारों ट्रंप समर्थक ने कैपिटल हिल पर पहुंच गए। समर्थकों ने पुलिस से धक्का-मुक्की कर वहां की खिड़कियां फर्नीचर को भी तोड़ा। हाउस चेंबर को भी तहस-नहस कर कुछ लोगों ने दरवाजे पर सेल्फी ली। कैपिटल हिल पर हमला करने वालों ने कई हफ्तों पहले इंटरनेट पर इस की योजना बना ली थी। रिपब्लिक सांसद में दंगे की आलोचना भी हुई।
अमेरिकी कांग्रेस 2020 के चुनाव के परिणाम को स्वीकार नहीं करती तो सांसद पुलिस और पत्रकारों के खिलाफ हिंसा होगी। डोनाल्ड ट्रंप हार मानने को तैयार ही नहीं है, वह लगातार धांधली का आरोप लगा रहे हैं और समझ कर रहे हैं। व्हाइट हाउस के बाहर डोनाल्ड ट्रंप ने ही रैली के लिए लोगों को बुलाया था जिसके कारण कैपिटल पर हमले के लिए एक साथ इतने लोग जुट गए। विरोध में दंगाईयों ने तोड़फोड़ की और सेल्फी भी ली। डोनाल्ड ट्रंप 2024 के चुनाव के लिए शक्ति प्रदर्शन कर अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं जिससे वह पार्टी के नेता बनी रह सके।
कैपिटल हिल पर रिपब्लिक समर्थकों ने हंगामे के बाद वॉशिंगटन डीसी में आपातकाल लगा। 21 जनवरी तक वॉशिंगटन में आपातकाल लगा दिया गया है। आपातकाल के दौरान मेट्रो रेल सेवा रात 8:00 बजे तक ही चलेगी। आपातकाल के दौरान ही बाइडेन का शपथ ग्रहण 20 जनवरी को संपन्न होगा। अमेरिका के नए चुने गए राष्ट्रपति बाईडे ने कैपिटल बिल्डिंग पर हमले को राजद्रोह करार दिया है।
बाइडेन ने कहा है कि यह कोई विरोध नहीं है यह एक विद्रोह है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से हंगामा खत्म कर देने की अपील की है। बाइडेन ने यह भी कहा जो लोग कैपिटल बिल्डिंग पर हंगामा कर रहे थे वह कानून को नहीं मानते हैं। अमेरिका में जो चयनित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी ट्रंप समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग से पीछे हटने की अपील की है। इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप के काफी आलोचना हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने की मांग बढ़ गई है। भवन में हमले के बाद कैंप के खिलाफ विपक्षी डेमोक्रेट और उनकी ही पार्टी के कई रिपब्लिक सांसद लामबंद हो रहे हैं।
पूरी दुनिया में इस हमले को लेकर काफी आलोचना की जा रही है। डोनाल्ड ट्रंप को संविधान के 25 वें संशोधन के तहत भी हटाने को लेकर कहा गया है। डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के 12 दिन ही राष्ट्रपति पद पर रहने के बचें हैं। कंपनी हिंसा की निंदा की है और कहा है कि बाइडेन शांतिपूर्ण तरीके से 20 जनवरी को अपने पद की शपथ ग्रहण करेंगे। ट्रंप बाइडेन के शपथ ग्रहण में नहीं जाएंगे। अमेरिका में सत्ता के लिए हो रही लड़ाई देश के लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।