जैसा कि हम जानते हैं पाकिस्तान महंगाई के हिसाब से बहुत बुरी हालत में है। पाकिस्तान में महंगाई बढ़ती ही जा रही है और कई दशकों का रिकॉर्ड टूट चुका है। वैसे तो पाकिस्तान भारत के सामने अपनी सेना की ताकत की बात करता रहता है और धमकियां सामने आती रहती हैं पर पाकिस्तान की सच्चाई सबके सामने है। पाकिस्तान की महंगाई दर 14.56 फीसदी हो चुकी है। वहां के लोगों की मुश्किल कम नहीं हो रही है। पाकिस्तान में दूध, मक्खन, सब्जी, ब्रेड आदि जैसी चीजों का भाव बढ़ता ही जा रहा है।
इमरान खान जब से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं, लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही है। देश महंगाई झेलने को मजबूर हो चुका है। हालांकि, अभी भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यह मानने को तैयार नहीं है, कि उनका देश कितने बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है, कि भारत का रुपया डॉलर के हिसाब से ₹71 है, तो पाकिस्तान का रुपया 154 रुपए है।
कर्ज़ हो गया 3 गुना
सीआईसी के आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान में कर्ज का बोझ बहुत अधिक हो चुका है। इतना ही नहीं यह कम होने की जगह बढ़ते ही जा रहा है। पाकिस्तान का कर्ज़ 13 साल में 3 गुना अधिक बढ़ गया है। यदि सितंबर 2019 की बात करें तो पाकिस्तान का कर्ज़ 106.2 अरब डॉलर बताया गया। इसकी तुलना 2006 से करें तो, उस समय पाकिस्तान में 37.2 अरब डॉलर कर्ज था। पाकिस्तान का यह कर्ज इमरान सरकार की वजह से हुआ है।
नहीं दी अमेरिका ने मदद
वेल्स के बयान से पाकिस्तान की बदहाली सामने आई है। उनके हिसाब से आर्थिक कॉरिडोर को बनाने के लिए चीन द्वारा कंपनी के हित को देखा गया और कॉरिडोर का ठेका उनके लिए दिया गया है। पाकिस्तान की यह दुर्दशा सिर्फ आर्थिक कॉरिडोर के कारण ही नहीं किंतु अमेरिका के मदद ना देने की वजह से भी है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2018 में मदद को रोक दिया गया। अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए मदद देता था, जो 9/11 हमले के बाद शुरू हुई। अमेरिकी संसद में दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से प्रस्ताव लाया गया था जो संसद में पास हो गया। इसके बाद अमेरिका ने वर्तमान के समय में मदद रोक दी क्योंकि पाकिस्तान मदद का सही इस्तेमाल नहीं कर रहा था। पाकिस्तान में आतंकवाद बढ़ता ही गया। यह मदद धीरे-धीरे कम होती चली गई थी और ट्रंप ने फिलहाल इसे रोक ही दिया।
प्रोजेक्ट का बिछड़ना
अमेरिका कॉरिडोर को लेकर कई बार बयान देते नजर आता है। अमेरिका दिसंबर 2019 में भी इस विषय में बयान जारी कर चुका है। हालांकि, अभी भी पाकिस्तान के राजनीतिक जानकार लोग इस कॉरिडोर को अधिक नुकसान वाला सौदा नहीं मानते हैं। इसके बाद भी वह इतना जरूर जान चुके हैं, कि इस कॉरिडोर का समय पर ना बनना उनके द्वारा देखे गए सपने को पिछाड़ता नज़र आ रहा है। पाकिस्तान इन्हीं कुछ वजह से आर्थिक तंगी में पहुंच चुका है।