Sunday, November 24, 2024
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क्रिप्टो करेंसी से बैन हटा, अब आप भी कर सकते हैं इसमें निवेश

by Vinay Kumar
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आज भारत के ट्रेडर बहुत खशी मना रहे होंगे और मनाए भी क्यों न, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में क्रिप्टो करेंसी को हरी झंडी दिखा दी है। यानी अब भारतीय भी क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग कर पाएंगे। आपको बता दें की क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है जैसे भारत की रूपया, अमेरिका की डॉलर, इसी तरह क्रिप्टो करेंसी भी होती है, इस मुद्रा के जरिए आप किसी भी तरह की वस्तुएं और सेवाएं खरीद सकते हैं। लेकिन इस करेंसी को कोई देश या संस्था जारी नहीं करती। साथ ही इस करेंसी को न छूआ जा सकता है न ही देखा यह पूरी तरह डिजिटल रूप से ही मौजूद होती है। क्रिप्टो करेंसी से जुडी़ ऐसी बहूत सी बातें हैं जो आप जान सकते हैं और  ऐसी ही बहुत सी बातें है जो आप क्रिप्टो करेंसी के बारे में जान सकते हैं।

करेंसी को नहीं कर सकता कोई अन्य डिकोड

यह डिजिटल करेंसी होती है और किसी भी सरकार या किसी भी बैंक से जुड़ी हुई नहीं है। अगर इस करेंसी को कोई यूजर किसी दूसरे यूजर को भेजता है तो इसे वही डिकोड कर सकता है क्योंकि यह करेंसी इंक्रिप्टिड होती है और इसे बिना सीक्रेट पास्वर्ड के डिकोड नहीं किया जा सकता

कंप्यूटर सीपीयू से होती है बिटक्वाइन माइनिंग

बिटक्वाइन ट्रांजेक्शन के डेटा को मेंटेन करने के लिए कंप्यूटर के सीपीयू की पावर इस्तेमाल होती है। सीपीयू में बिटक्वाइन से जुड़ा सॉफ्टवेयर इन्सटॉल किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर कॉम्प्लेक्स गणितीय गणना कर बिटक्वाइन के लिए इनक्रिप्शन तैयार करता है। माइनिंग का काम हाई एंड सीपीयू के जरिए कोई भी कर सकता है।

बिटक्वाइन के बाद लॉन्च की गई नई क्रिप्टो करेंसी लॉन्च

बिटक्वाइन को 2009 में लॉन्च किया गया था हालांकि उस समय इसकी कीमत काफी कम थी और बहुत ही कम लोग इसमे दिलचस्पी ले रहे थे। लेकिन अचानक यह प्रचलित होना शुरू हुआ और एक एक कर के नई नई क्रिप्टो करेंसी आने लगी मगर आज भी इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।

 इस साल 50% तक की तेजी

बिटक्वाइन की रोजाना कीमतो में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है, बीते दिनो एक बिटक्वाइन की वेल्यू  10000 डॉलर पार कर गई थी। हालांकि अब इसकी कीमत 9 हजार डॉलर के आस पास है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी कीमत भविष्य में काफी बढ़ सकती है।

बिटक्वाइन की इतनी वैल्यू क्यों हो गई

जापान ने बिटक्वाइन को कानूनी रूप दिया। इसके बाद से इसकी वैल्यू 60% से ज्यादा बढ़ गई।

ट्रांजेक्शन के लिए यह काफी सुरक्षित माना जाता है।

साथ ही इस पर किसी अथॉरिटी का नियंत्रण न होने के कारण इसमें हाइपर इनफ्लेशन का खतरा नहीं होता है रेगुलेशन न होने की वजह से ट्रांजेक्शन की लागत काफी कम।

उतार-चढ़ाव बहुत

अब भी कई लोग बिट क्वाइन या डिजिटल करेंसी के बारे में कुछ पता नहीं है। इसमें वोलाटैलिटी यानी उतार-चढ़ाव ज्यादा है। बिटक्वाइन की अभी एक लिमिट है। मौजूदा स्ट्रक्चर के मुताबिक संख्या में 2.1 करोड़ से ज्यादा बिट क्वाइन नहीं हो सकते हैं।

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