कोरोना वायरस का कहर किस तेजी से मानव जीवन को निगल रहा है इस बात को तो हम सभी जानते है। आए दिन इस वायरस के चलते हजारों लोग जान गवां रहे हैं। चीन से शुरू हुए इस वायरस ने पूरी दुनिया में डर का माहौल बनाया हुआ है। आज के समय में इस बीमारी से बचाव को लेकर सभी लोग घर में ही बंद हो कर रह गए हैं। लेकिन फिर भा सभी में इस बात का खौफ है कि अगर वह इस वायरस का शिकार हो गए तो इलाज कैसे करा पाएंगे।
अगर आपके भीतर भी यह डर है तो घबराइए मत आप कोरोना के इलाज के खतरे से बचने के लिए इंश्योरेंस करा सकते हैं। हाल ही में बीमा कंपनी डिजिट ने कोरोना वायरस जैसी बीमारी को कवर करने के लिए इंश्योरेंस लॉन्च कर दिया है। आपको बता दे कि डिजिट पहली कंपनी है जो कोरोना को भी कवर कर रही है। डिजिट कंपनी द्वारा कराए गए इस इंश्योरेंस पर बीमित रकम 25000 से लेकर 2 लाख रूपए तक ही होगी और इसका प्रीमीयम 299 रूपए से शुरू होगा। ज्ञात हो की डिजिट बेंगलुरू स्थित एक स्टार्टअप इंश्योरेंस कंपनी है।
पॉलिसी से जुड़ी शर्ते एं फायदें
अगर पॉलिसी धारक को कोरोना वायरस होता है और उसे अस्पताल में भर्ती कराना होता है तो उस पूरी बीमित राश दी जाएगी। वंही अगर क्वारेंटाइन यानी अलग रखा जाता है, तो पॉलिसीधारकर को बीमित रकम की 50 प्रतिशत ही दी जाएगी।
अगर आप डिजिट कंपनी द्वारा यह इंश्योरेंस करवाते हैं और आपको क्वारेंटाइन मे रखा जाता है तो क्लेम रखने के लिए शर्त है शर्त यह है कि पॉलिसीधारक मिलिट्री या सरकारी अस्पताल में भर्ती हो। भर्ती की अवधि कम से कम 14 दिन होनी चाहिए। क्लेम का भुगतान पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टीशनर की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद ही होगा। इसमें प्राधिकृत लेबोरेटरी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे) की जांच में कोरोना को पॉजिटिव पाया गया हो।
डिजिट कंपनी की इसके अलावा भी कई अन्य शर्ते हैं, जैसे बीमा खरीदने के दौरान व्यक्ति स्वस्थ हो, एक दिसंबर 2019 से पॉलिसीधारक और उसके परिवार के सदस्य चीन, जापान, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, हांगकांग, मकाऊ, इटली, ईरान, बहरीन, कुवैत और ताइवान जैसे किसी भी देश न गए हों। शायद आप इस बात को नही जानते डिजिट भारत की पहली कंपनी है जिसने कोरोना वायरस कवर इंश्योरेंस प्लान लॉन्च किया है।
नहीं बनी कोई वैक्सीन
कोरोना वायरस अब तक लाखो लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है, डर की बात यह है कि अब तक इसकी कोई प्रॉपर वैक्सीन भी नहीं बन पाई है। इससे बचाव केवल एक ही तरीके से संभव है और वह सोशल डिसटेंसिंग के जरिए।