परिवार में अगर एक ही कमाने वाला व्यक्ति मौजूद हो तो उसके सिर पर हमेशा एक भार होता है कि उसके जाने के बाद उसके परिवार का क्या होगा। इसी चिंता को मिटाने के लिए बाजार में टर्म प्लान लाया गया था जिसमें पॉलिसी धारक की पॉलिसी अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को एक तय रकम दी जाती है। लेकिन मैच्योरिटी पर किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिलता। इसलिए लोग टर्म इंश्योरेंस प्लान में कम ही रूचि लेते हैं। इसी को देखते हुए बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान वाले टर्म इंश्योरेंस को मंजूरी दे दी है। इरडा की मंजूरी के बाद कई बीमा कंपनियों ने रिटर्न वाले टर्म इंश्योरेंस पेश किए हैं।
रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान का यह हेगी फायदा
एक साधारण टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसीधारक एक निश्चित प्रीमियम का भुगतान करता है। पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक के निधन होने पर उसके लाभार्थी को बीमा राशि का भुगतान मिल जाता है। यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि के दौरान जीवित रहता है तो न उसे और ना ही उसके लाभार्थी को कोई भुगतान मिलता है। इंश्योरटेक कंपनी टर्टलमिंट के को-फाउंडर धिरेंद्र मह्यावंशी के मुताबिक, रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान वाले टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी की अवधि खत्म के बाद पॉलिसीधारक के जीवित रहने पर मैच्योरिटी लाभ मिलता है। यानी पॉलिसीधारक के जीवित रहने पर मैच्योरिटी पर एक निश्चित भुगतान मिलता है।
इस तरह समझे कैसे होगा फायदा
मान ले की अभी आपकी उम्र 30 साल है और आपने एक करोड़ रूपए का रिर्टन ऑफ प्रीमियम प्लान को खरीदा है, जिसकी सालाना किश्त 25 हजार रूपए जाती है। इस प्लान की अवधि 30 साल ही है, यानी अगर 60 साल की उम्र तक आपकी किसी भी कारणवश मृत्यु हो जाती है, तो आपके परिवार को एक करोड़ रूपए की रकम कंपनी द्वारा दी जाएगी। वंही अगर मैच्योरिटी के समय तक आप पूरी तरह स्वस्थ हैं तो आपको 7.50 लाख रूपए मैच्योरिटी के समय़ पॉलिसी कंपनी की तरफ से दिए जाएंगे। आपको बता दे कि आपका कुल प्रीमियम भी इतना ही बनता है, यानी आपको अपनी पूरी रकम वापिस मिल जाएगी। हालांकि इसमें किसी तरह का कोई इंटरस्ट नहीं मिलेगा।
तीन गुना होगा प्रीमियम
वॉच योर हेल्थ के फाउंडर रथीश नायर का कहना है रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान टर्म इंश्योरेंस का वार्षिक प्रीमियम सामान्य टर्म इंश्योरेंस के मुकाबले तन गुना तक अधिक होता है। ऐसे में इस प्लान को खरीदने से पहले अपने बजट का ध्यान रखें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि मैच्योरिटी पर आपके द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं मिलेगा। यदि आप प्रीमियम का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो पेडअप विकल्प का चुनाव कर सकते हैं। इस विकल्प का चुनाव करने से लगातार तीन साल तक प्रीमियम भुगतान के बाद आपकी पॉलिसी जारी रहेगी। हालांकि, आपको मिलने वाले लाभ कम हो जाएंगे।