सर्दियों का समय जाने के बाद गर्म दिन शुरू होने लगते हैं किंतु रात में फिर भी थोड़ी बहुत ठंडक रहती है। तापमान का उतार चढ़ाव कई बीमारियों को सामने लाता है। लगातार तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से आपके शरीर का टेस्ट लिया जाता है। इन्हीं समय यह पता चलता है, कि आपकी इम्यूनिटी कितनी सही है। वायरल इनफेक्शन एक इसी प्रकार की बीमारी है, जो तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से सामने आती है। वायरल इनफेक्शन आज के समय में भारत के हर घर में पहुंच चुका है। हर कोई इसकी चपेट में आ जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। सबसे ज्यादा खतरा इन बीमारियों का बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमारी से ग्रसित लोगों को होता है।
इसे घातक बीमारी के रूप में नहीं देखा जाता है। आमतौर पर यह 5 से 7 दिनों में सही हो जाता है। यदि इसके बाद भी आपको सरदर्द, जुखाम, उल्टी जैसे लक्षण हैं, तो आपको खून की जांच डॉक्टर की सलाह पर अवश्य ही करा लेनी चाहिए। यदि आप बदलते मौसम में थोड़ी बहुत सावधानियां बरतेंगे तो आपको यह परेशानियां नहीं होगी।
टिशू पेपर का इस्तेमाल
बहती नाक और खांसी जैसे लक्षण में आपको बार-बार रुमाल या कपड़े का इस्तेमाल करना होता है। इसकी जगह टिशू पेपर या स्किन केयर वाइप्स का इस्तेमाल करेंगे तो बेहतर रहेगा। बार-बार एक ही रूमाल या कपड़े के इस्तेमाल करने से उसमे वायरस पनप उठते हैं। यदि बच्चों पर इनका इस्तेमाल करेंगे तो उनकी त्वचा खराब होने का डर भी होता है। इसकी वजह से वह और बीमार हो सकते हैं। यदि आप हर समय एक नया टिशू पेपर का इस्तेमाल करेंगे तो ज्यादा सही विकल्प रहेगा। मेडिटेटेड स्किन केयर वाइप्स की वजह से त्वचा पर जलन नहीं होती और उन्हें धोने का झंझट भी नहीं रहता है।
सफाई का ध्यान रखना
आपको अपने आसपास सफाई का ध्यान भी रखना होगा। भारत में अधिकतर बीमारियां सफाई के ना होने की वजह से होती है। आपको अपने घर में कीड़े मकोड़े, मच्छर और बैक्टीरिया जैसी चीजों के लिए साफ सफाई रखनी होगी। घर के साथ घर के बाहर भी सही सफाई रखेंगे तो अच्छा होगा। अधिक पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। यदि कचरा खुले में ऐसे ही पड़ा हो तो शाम के समय बच्चों को पेड़ के आसपास ना खेलने दें।
टीकाकरण है जरूरी
यदि आपके साफ-सफाई और सही आहार रखने के बाद भी आपका बच्चा वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित हो जाता है, तो आपको यह ध्यान देना होगा कि आपने बच्चे का टीकाकरण करवा रखा है या नहीं। आपको सही ढंग से बच्चे का टीकाकरण करवाना होगा। इसकी वजह से बच्चों को खतरनाक बीमारियां और संक्रमण नहीं होते हैं। आपको अपने बच्चे को पोलियो, चेचक और खांसी जैसी बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए।
पौष्टिक आहार की आवश्यकता
कई बार आपके बच्चे खाने में बेहद नखरे करते होंगे। हर कोई बीमारी से बचने के लिए सही आहार चुनता है किंतु कई बार बच्चे सही आहार नहीं लेते हैं। ऐसे समय में आपको उनको पर्याप्त पोषण देना चाहिए। जंग फूड अधिक ना खाएं और मौसमी सब्जी को अपने खाने में शामिल कर लिया जाए तो बेहतर है। अपने बच्चों को सूखे मेवे खिलाया करें। आपको उन्हें बाजरा, मक्का और ज्वार जैसे पोषण भी देने होंगे।