Friday, November 22, 2024
hi Hindi

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  • उम्र चालीस पार है लेकिन शक्ल हमारी तीस के जैसी मुझको uncle कहने वाले, धत्त तुम्हारी ऐसी तैसी बेटी के स्कूल गया तो, टीचर देख मुझे मुस्कुराई बोली क्या मेंटेंड …

  • ना किसी के ख्वाबो मे मिलेंगे, ना किसी के अरमान मे मिलेंगे, तु हमेशा आ जाना प्रिये हम हमेशा दुकान मे मिलेंगे, *गर्मी, सर्दी, बरसात यूँ ही गुजर जाती है, …

  • पड़ें डंडे जो सर्दी में तो हर धरने का दम निकले बहुत निकले थे पहले लोग इस जुम्मे को कम निकले सहर होते ही दिल्ली और यू पी की पुलिस …

  • जो कह दिया वह शब्द थे, जो नहीं कह सके वह अनुभूति थी और जो कहना है, फिर भी नहीं कह सकते वह मर्यादा है।। जिन्दगी का क्या है? आकर …

  • पैर की मोच और छोटी सोच , हमें आगे बढ़ने नहीं देती । 😔😔😔😔😔😔😔😔 टूटी कलम और औरो से जलन , खुद का भाग्य लिखने नहीं देती । 😔😔😔😔😔😔😔😔 काम …

  • समाज में कवि के लिए वास्तव में एक जगह है? लेखक, संगीतकार और कवि जीत थायिल ऐसा नहीं सोचते थे। थियिल ने कहा, “मुझे नहीं पता कि समाज के कवियों …