वो कहता है कि थाली बजाओ, भाई लोग परातें फोड़ देते हैं। वो कहता है दिए जलाओ, भाई लोग बम पटाखे फोड़ देते हैं। ये परम्परा अनादि काल से चली …
Heading Title
-
-
एक मुद्दत से आरज़ू थी फुरसत की … मिली , तो इस शर्त पे कि किसी से ना मिलो ..!! हम कहते थे मरने तक की फुर्सत नहीं है आज …
-
एक मुद्दत से आरज़ू थी फुरसत की … मिली , तो इस शर्त पे कि किसी से ना मिलो ..!! हम कहते थे मरने तक की फुर्सत नहीं है आज …
-
Bashir Badr never knew that his lines will one day so aptly describe the corona virus scenario of lockdown and social distancing
by SamacharHubयूँ ही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में भी रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले …
-
आज ये प्रण ले सब हीं कोरोना से देश बचाना है सयम और संकल्प को हीं अब हथियार बनाना है मास्क पहंन कोई कुछ भी बोलो, बार बार हाथो को …
-
बड़ी तन्हा सी बेपरवाह गुजर रही थी जिंदगी ग़ालिब, अब ये आलम है कि एक छींक भी आ जाये तो दुनिया गौर से देखती है… 😂 😂 😂 😂 😂 …
-
रोक दो मेरे जनाजे को अब मुझमे जान आ रही हैं.. आगे से थोडा राईट ले लो दारु की दूकान आ रही हैं | 😂😂😂😂 बोतल छुपा दो कफ़न में …
-
ना थके कभी पैर ना कभी हिम्मत हारी है जज्बा है परिवर्तन का ज़िंदगी में इसलिये सफर जारी है| “मन” सभी के पास होता है.. मगर “मनोबल” कुछ लोगों के …
-
प्रयत्न करने से कभी न चूकें..! हिम्मत नहीं तो प्रतिष्ठा नहीं, विरोधी नहीं तो प्रगति नहीं..!! —— जो पानी में भीगेगा वो सिर्फ लिबास बदल सकता है लेकिन जो पसीने …