Sunday, December 22, 2024
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Breast cancer

Breast Cancer: स्तन कैंसर के इलाज का आधुनिक प्रबंधन

by Divyansh Raghuwanshi
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Breast Cancer: नियोप्लासिया कैंसर को परिभाषित करने के लिए एक बेहतर शब्द होगा, क्योंकि इस पर किसी प्रकार के नकारात्मक भाव नहीं आते हैं। यह आमतौर पर कैंसर के नाम से ही जुड़ा होता है। यानी बिना किसी अंकुश की स्वतंत्र रूप से नाखून बाल को छोड़कर किसी भी अंग की कोशिकाओं में वृद्धि हो जाए तो उसे नियोप्लासिया कहते हैं। जब इन कोशिकाओं में दूर-दूर तक फैलने की क्षमता होती है, तब इसे मैलिग्नैंट नियोप्लासिया कहते हैं।

क्या होते हैं Breast Cancer के लक्षण

  • स्तन में गांठ बनना।
  • स्तन के आकार और साइज में बदलाव।
  • निप्पल का अंदर की ओर मुड़ जाना।
  • निप्पल में से स्त्राव होना।
  •  अल्सर त्वचा पर।

परीक्षण क्या हो सकते हैं?

Cancer

Cancer

  • मैमोग्राम एक्स रे
  • अल्ट्रासाउंड स्कैन: इस स्कैन से यह पता चलता है कि गांठ  में पानी भरा है या फिर वह कठोर है। यह छोटा सा यंत्र उस जगह घुमाया जाता है जहां सामने मॉनिटर को चिकित्सक को सब साथ साथ देख सकता हैं।
  • सुई द्वारा जांच: ब्रेस्ट में एक छोटी सी सुई डालकर गांठ की कुछ सेल को निकाला जाता है, यह अल्ट्रासाउंड करने के दौरान ही की जाने वाली प्रक्रिया है, ताकि प्रभावित जगह के ही सेल निकले, फिर यह जांच की जाती है कि सेल में कैंसर है या नही।
  • रक्त की जांच: कोई भी ऑपरेशन होने से पहले स्वास्थ्य की जांच करने के लिए रक्त की जांच भी की जाती है।

जागरूकता का है अभाव

Breast Cancer एक ऐसी बीमारी है जिसके प्रति महिलाएं अभी तक जागरूक नहीं है। हाल ही में कुछ शोध संस्थानों के अंतर्गत किए गए सर्वेक्षण में यह नतीजे सामने आए हैं कि महिलाओं में Breast Cancer का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है स्तन कैंसर के मामले भारतीय महिलाओं की अपेक्षा यूरोपीय महिलाओं में बहुत अधिक पाए जाते हैं। Breast Cancer का उम्र से सीधा संबंध होता है। इसके अलावा  व्यवहार और जीवन शैली पर भी इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। भारत में महिलाएं धर्म व लज्जा के कारण रोग के आरंभ में जांच कराने के लिए सामने नहीं आती और बाद में रोग काफी बढ़ जाने पर जब डॉक्टर के पास जाते हैं तो काफी देर हो चुकी होती है काफी हद तक अपेक्षा भी इसके प्रति जिम्मेदार हैं।

Breast Cancer का उपचार

Treatment of breast cancer

Treatment of breast cancer

इसका सबसे अच्छा उपचार है रेडियोथेरेपी एक बार स्तन कैंसर की पुष्टि होने पर अधिक से अधिक मरीज सर्जरी की ओर रुख करते हैं, लेकिन जिन केसो में स्तन को बचाया जा सकता है उस केस में रेडियोथेरेपी का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

इस नई नवीनतम तकनीकी की मदद से टी एक्स लीनियर एक्सीलेटर के द्वारा रेडियोथेरेपी की जाती है, इससे दिल या फेफड़ों पर पड़ने वाले अवांछित रेडिएशन को बेहद कम किया जा सकता है।

आई जी आर टी की मदद से कैंसर ग्रस्त स्तन के निर्धारित हिस्से में एक बार में एक समान रेडिएशन दिया जाता है। इस प्रकार इसका परिणाम अच्छा होता है और इससे जुड़े खतरे भी कम किए जा सकते हैं। 

रोजाना मरीज को रेडिएशन देने से पहले डॉक्टर मरीज को 2/3 डाइमेंशनल इमेज खींचते हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि दिल और फेफड़े रेडिएशन के उच्च संपर्क से बाहर रहे। उसके बाद ही मरीज को रेडिएशन दिया जाता है। इसका परिणाम यह निकलता है कि मरीज के यह अंग दुष्प्रभावित होने से बच जाते हैं।

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