दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति कहे जाने वाले देश अमेरिका पर रूसी हैकरों के महत्वपूर्ण विभागों के कंप्यूटरों में घुसपैठ के खुलासे ने तहलका मचा दिया है।
रूसी हैकरों का यह हमला अमेरिका की संघीय एजेंसियों पर किया है, जो सबसे संगीन साइबर अटैक कहा जा रहा है। अमेरिका का जाना माना अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में एक लेख लिखा था जिसमें एक प्रचलित विश्लेषक फरीद जकारिया ने कहा है कि ‘रूस के हैकरों ने अमेरिका के कंप्यूटर सिस्टम के अलावा हमारे दिमाग को भी हैक कर लिया है।’
फरीद जकारिया ने इस हमले के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। उन्होंने लेख में लिखा कि डोनाल्ड ट्रंप इस रूसी मॉडल का इस्तेमाल जाने अनजाने में करते हैं।
सामने आई जानकारी से यह पता चला

Cyber Attack in America
कई सूचनाएं सामने आई है उनसे पता चला है, कि कम से कम अमेरिका के छह कंप्यूटर सिस्टम विभागों को हैक किया गया है। लेकिन प्राप्त जानकारियों में इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि हैकर गोपनीय डाटा चुराने में सफल रहे हैं या नहीं। इसके अलावा इस बात का भी अंदाजा नहीं लगाया गया है, कि हैकरों ने आखिर हैकिंग क्यों की है और इसे सिस्टम से हटाने के लिए कितना और समय लगेगा। ट्रंप पर निशाना साधते हुए विपरीत पार्टी कांग्रेस के सदस्यों (अमेरिकी संसद) ने कहा है कि सरकार इस कोशिश में लगी है कि जिससे पता लगाया जा सके कि आखिर हैकरों ने हमला क्यों किया है और इसका क्या असर होगा लेकिन अभी तक इनको कामयाबी नहीं मिली है।
संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (लोकसभा) की सुधार और निगरानी समिति के चीफ स्टीफन लिंच ने इस मामले में कहा है, कि यह हैकिंग इतनी व्यापक है कि इसके बारे में हमारे साइबर एक्सपर्ट अभी भी अंदाजा नहीं लगा पाए हैं। काफी बड़े स्तर पर इस साइबर अटैक को किया गया है। इस समिति के एक और सदस्य (जेमी रस्किन) ने यह कहा है, कि अभी इसका भी पता नहीं चला है कि सरकार इसको कैसे ठीक करेगी। सरकार को जल्द से जल्द यह पता लगाना होगा कि कितनी क्षति हुई है और इसकी भरपाई कैसे करेंगे। इसके अलावा यह हमला कैसे हुआ और किस चीज की कमी के कारण हुआ।
अमेरिकी जांच एजेंसियों को इस बात का पता चला है, कि सरकारी विभागों के साथ-साथ देश की पांच बड़ी कंपनियों के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर अटैक हुआ है। यह अटैक मार्च से शुरू हुआ था। जांच एजेंसियों का मानना है, कि हमलावरों ने हैकिंग के लिए कोई नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी में इस बात से चेतावनी दी है, कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक बड़ी मुसीबत पैदा हो गई है।
मदद के लिए आगे आई माइक्रोसॉफ्ट कंपनी

Microsoft focuses on cybersecurity solutions
अमेरिका में आईटी सेक्टर के लिए मशहूर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट हैकिंग से प्रभावित हुए विभागों की मदद करने के लिए आगे आई है। इस कंपनी ने प्रभावित हुई 40 सरकारी एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, थिंक टैंक्स और आईटी कंपनियों का पता लगाया है। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के अनुसार अमेरिका के अलावा और भी कई देशों के सिस्टम हैक हुए हैं। इन देशों के नाम निम्नलिखित हैं- कनाडा, मेक्सिको, बेल्जियम, संयुक्त अरब अमीरात।
अमेरिकी मीडिया ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है, कि इतनी बड़ी हैकिंग के बावजूद भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुप्पी साधे हुए हैं।