मोहम्मद रफी साहब ने 1962 में चीन के खिलाफ अपने गीतों से जंग लड़ी थी। चौंक गए यह बात जानकर, पर ये एक सच है। दरअसल, मोहम्मद रफी चीन के खिलाफ युद्ध लड़ रहे भारतीय सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए जंग के मैदान पर गए थे। रफी की जीवनी के मुताबिक, चीन ने जब हिंदुस्तान पर हमला किया तो रफी चौदह हजार फुट की ऊंचाई स्थित सांगला गए थे और देशभक्ति के गीत गाकर सैनिकों का हौसला बढ़ाया था। फिल्मों में बेहतरीन नग्में पेश करने वाले सुरों के सरताज मोहम्मद रफी ने 4 दशकों से भी लंबे वक्त तक दर्शकों के दिलों में अपना कब्जा जमाए रखा। मोहम्मद रफी अपने गानों की इतनी खूबसूरत सौगात अपने चाहने वालों को दे गए हैं कि इन्हें जितनी बार भी सुना जाए हर बार एक नई ताजगी सी महसूस होती है। आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर एक बार फिर रफी साहब की यादें ताजा करते हुए उनके कुछ बेहतरीन नग्में हम आपके सामने पेश कर रहे हैं।
यहां देखें मोहम्मद रफी साहब के कुछ बेहतरीन गानें-
31 जुलाई, 1980 को सभी की आंखे नम कर वह इस दुनिया को अलविदा कह गए। आज बेशक वह हमारे बीच मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी खूबसूरत नग्में आज भी उनकी यादों को ताजा कर देती हैं।