भारत देश तो संस्कृति और विरासत का अद्भुत नमूना है हमारे देश में बड़े-बड़े किले और इमारतें शिल्प कला और वास्तुकला की अद्भुत निशानी है। ताजमहल जहां मुमताज और शाहजहां की मोहब्बत का प्रतीक है। चित्तौड़गढ़ का किला रानी पद्मिनी और राजा रतन रावल की ऐतिहासिक प्रेम कहानी का प्रतीक माना जाता है। भारत की श्रेष्ठ शिल्प कला की अद्भुत निशानियां आज भी मौजूद हैं।
मोहब्बत का प्रतीक ताजमहल
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। ताजमहल एक भव्य और राजसी इमारत है।पूरे संसार में ताजमहल को प्यार के निशानी माना जाता है। सफेद संगमरमर से बना ताजमहल बेहद खूबसूरत है। ताजमहल को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज की याद में 1630 से 1650 के बीच में बनवाया था। शाहजहां अपनी बेगम मुमताज को बेहद मोहब्बत करते थे। प्रसव के दौरान उनकी पत्नी मुमताज की मौत हो गई। मुमताज महल और शाहजहां को इस मकबरे के भीतर दफनाया गया था। ताजमहल की सुंदरता देखते ही बनते हैं। ताजमहल में विशाल बगीचा उसकी सुंदरता को दुगना करता है। भारत के अमूल्य धरोहर ताजमहल है। यह स्मारक हमेशा ऐतिहासिक महत्त्व को बताता है। प्यार के प्रतीक के रूप में आज भी लोग ताजमहल को याद करते हैं। प्राचीन समय की वास्तुकला और शिल्प शैली ताजमहल में देखने को मिलती है। प्रेम और कुर्बानी का प्रतीक ताजमहल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
रूपमती मंडप मांडू मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के मांडू में बना रूपमती का मंडप ऐतिहासिक वास्तु कला की निशानी है। मांडू शहर में 366 मीटर की ऊंचाई पर रूपमती मंडप पर्यटकों के लिए दर्शनीय है एक सुरम्य पठार पर स्थित यह ऐतिहासिक विरासत है। राजकुमार बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कथा के लिए यह प्रसिद्ध है। मांडू के स्वतंत्र शासक बाज बहादुर मालवा की रूपमती की आवाज के दीवाने हो गए थे। राजबहादुर ने रूपमती के आगे शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन रूपमती ने बाज बहादुर के सामने एक प्रस्ताव रखा। रूपमती ने कहा राजा उनके लिए ऐसे महल का निर्माण करें जहां से वह अपनी प्यारी नर्मदा नदी को देख सकें। तब राजा ने रूपमती मंडप का निर्माण किया। यह आकर्षक और वास्तुशिल्प पर्यटकों के लिए बेहद पसंद आता है। इस मंडप में चौकोर और विशाल गोलार्ध के गुंबज और मेहराब है। रूपमती मंडप से 366 मीटर नीचे नर्मदा नदी बहती हुई नजर आती हैं। इस प्रकार यह ऐतिहासिक इमारत रानी रूपमती का मंडप शाश्वत प्रेम की कहानी का प्रतीक है।
मस्तानी महल शनिवार वाड़ा किला पुणे महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के पुणे में बसा शनिवार वाड़ा ऐतिहासिक घटनाओं का प्रतीक है 1730 मैं पेशवा बाजीराव द्वारा इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण किया गया था। मस्तानी पेशवा बाजीराव की दूसरी पत्नी थी। परिवार ने कारण मस्तानी को कानूनी रूप से पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया था। बाजीराव पेशवा में शनिवार वाड़ा में मस्तानी महल का निर्माण करवाया था, जहां पर वह है मस्तानी के साथ रहते थे। अब मस्तानी महल के अवशेषी मौजूद है। मस्तानी दरवाजे पर पुराने अभिलेखों से यह सब पता चला है। यह महल बाजीराव और मस्तानी के प्रेम का प्रतीक है।