दूध को दुःखी करो तो दही बनती है,
दही को सताने से मक्खन बनता है,
और मक्खन को सताने से घी बनता है।
दूध से महंगा दही है दही से महंगा मक्खन है,
और मक्खन से महंगा घी है किन्तु…
इन चारों का रंग एक ही है सफ़ेद ।
इसका अर्थ है बार बार दुःख और संकट आने पर भी जो इंसान अपना रंग नहीं बदलता, समाज में उसका ही मूल्य बढ़ता है ।