हमारे देश में कई नेशनल पार्क हैं जिनमें सुंदर पक्षियों के प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इन नेशनल पार्क में विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं। सुगंधित फूल और पौधे मन को मोह लेते हैं। हरियाली और शांति के लिए नेशनल पार्क में जाना बेहतर होता है। राष्ट्रीय उद्यान हमारे जीवो और पेड़ पौधों को बचाने का सबसे अच्छा साधन है। कुछ राष्ट्रीय उद्यान जिनमें दुर्लभ वन्य जीव और पौधे मिलते हैं। वादियों के बीच में बसे राष्ट्र उद्यान मन को मोह लेते हैं।
हिमाचल प्रदेश का ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
1984 में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क स्थापित किया गया। 1000 से भी ज्यादा वर्ग किलोमीटर में बसा यह राष्ट्रीय पार्क अद्भुत है। यूनेस्को ने 23 जून 2014 को हिमालयन नेशनल पार्क को विश्व विरासत स्थल में स्थान दिया। 300 से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां इसमें पाई जाती हैं। उत्तर पश्चिम की ओर बहने वाली पार्वती नदी का उद्गम यही है। ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय पार्क मे सेज और तीर्थन वन्यजीवों को शामिल किया गया है। इसमें एशियाई काले भालू, हिमालय कस्तूरी मृग, नीली भेड़, हिमालय ताहर, हिम तेंदुआ, पश्चिमी ट्रेगोपान और भी कई अनेक जीव की प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें 25 से भी अधिक दुर्लभ पौधों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसमें कई औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं। सुंदर वादियों के बीच बना यह दुर्लभ वन्य जीव देखते ही बनता है।
राजस्थान का भरतपुर राष्ट्रीय उद्यान केवलादेव
राजस्थान का भरतपुर राष्ट्रीय उद्यान में सुंदर पक्षियों का संरक्षण होता है,इसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान कहते हैं। 10 मार्च 1982 को इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई। यहां पर केवलादेव मंदिर है जिसके कारण यह नाम मिला। यूनेस्को ने 1985 में इसे विश्व विरासत की सूची में शामिल किया 370 से भी अधिक सुंदर पक्षियों की प्रजातियां इसमें पाई जाती हैं। दुर्लभ और वन्य जीव के संरक्षण का स्थान है। साइबेरियन क्रेन सर्दियों में यहां रहने के लिए आते हैं। सुंदरता की दृष्टि से यह बेमिसाल है।
राजस्थान का सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य
राजस्थान में सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य 800 वर्ग किलोमीटर में फैला है। अरावली पहाड़ियों के बीच यह राजस्थान का अत्यंत सुंदर अभयारण्य है। टाइगर रिजर्व के नाम से इस अभयारण्य को जाना जाता है। इस अभयारण्य में रॉयल बंगाल टाइगर पाए जाते हैं। यहां पर बाघों को स्थानांतरित किया जाता है। यह बहुत ही सुंदर राष्ट्रीय उद्यान है राजा महाराजा यहां शिकार खेलने के लिए आते थे इस कारण से इसमें राजश्री बंगाल टाइगर पाए जाते हैं 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। इसमें पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं।
पेरियार नेशनल पार्क केरल
केरल का पेरियार नेशनल पार्क हरियाली और शांति के लिए जाना जाता है। केरल में स्थापित नेशनल पार्क जैव विविधता के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। 257 वर्ग मील में बस आए सुंदर और भव्य नेशनल पार्क शक का मन मोह लेता है पम्बा और पेरियाल नदियां इसके पास से बहती हैं। नदियों के बहने से पेरियार नेशनल पार्क की सुंदरता अनोखी होती है। पेड़ पौधों और जानवरों को नदियों के किनारे फलने फूलने का मौका मिलता है। केरल में स्थित यह नेशनल पार्क भव्य और अपनी हरियाली के लिए जाना जाता है।