कोरोना वायरस की वजह से आज पूरी दुनिया दो हिस्सों में बटी हुई है, एक तरफ वह लोग हैं जो इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, और दसूरी तरफ वह लोग हैं जो कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण से बिलकुल बेफिक्र हो अपनी मनमानी कर रहे हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक हीरो के बारे में बताएंगे जिसने कोरोना से लड़ाई के लिए एक अहम हथियार तैयार किया है, जिससे कोरोना संक्रमण को खत्म करने में और उसे रोकने में मदद मिलेगी। यह कारनामा करने वाल महाराष्ट्र का एक बच्चा है ,जिसकी उम्र महज 14 साल है। इस बच्चे का नाम हर्ष है, इसने एक ऐसा बैंड बनाया है जिसकी मदद से कोरोना को खत्म किया जा सकता है। यह डिवाइस किसी से हाथ मिलाने पर या चेहरा छूने पर आपको अर्ल्ट देगा। डिवाइस का ट्रायल देने के लिए हर्ष ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और पीएम नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव भेजा है।
कक्षा 10 वी में है हर्ष
महाराष्ट्र के विरार में रहने वाले हर्ष 10वीं के छात्र हैं। पिता कुंजन चौधरी ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े हैं और मां श्रद्धा चौधरी शिक्षिका हैं। हर्ष के मुताबिक, इस बैंड को पहनने के बाद हाइड्रोऑक्साइड आयन से निकलने वाला इलेक्ट्रोनिगेटिव आयोनाइजेशन कोरोनावायरस को खत्म करने का काम भी करेगा। साथ ही चेहरे को छूने से भी रोकेगा।
ऐसा करता है काम बैंड
अगर हर्ष का यह डिवाइस सच में सही पाया गया तो यह पूरे मानव कल्याण के काम आएगा। जैसा की हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सबसे जरूरी यही है कि लोग किसी से हाथ न मिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और चेहरे या मुंह को न छूएं। हर्ष ने अपने डिवाइस के बारे में बताया की यह पूरी तर वाटरप्रूफ है, इसलिए इसे नहाते हुए या हाथ धोते हुए पहने रखा जा सकता है। इसकी खासियत यह है कि जब भी आप किसी से हाथ मिलाने वाल होते हैं, या अपने चेहरे को छुने वाले होते हैं तो आपको यह आवाज करके अर्ल्ट कर देता है। इस बैंड में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सॉल्यूशन रखा गया है।
कबाड़ के जरिए बनाया गया है बैंड
हर्ष में बैंड को घर में मौजूद कबाड़ी और पुरानी चीजों से तैयार किया है। बजर, स्विच, बटन सेल, सेंसर, एल्युमिनियम की चादर, प्लास्टिक टबिंग और दूसरी चीजों से बैंड बनाया गया है। हर्ष का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान, मैटेरियल खरीदना संभव नहीं था, इसलिए घर में मौजूद पुरानी चीजों से इसे तैयार किया।
महज 90 रूपए में तैयार हुआ है यह बैंड
क्योंकि यह डिवाइस बहुत ही आम वस्तुओ से बना है और घर के वेस्ट सामान का इस्तेमाल किया गया है इसलिए इसकी कुल लागत 90 रूपए है। वंही अगर यह बैंड बड़े स्तर पर तैयार किया जाए तो इसकी लागत महज 40 रूपए हो जाएगी। सरकार द्वारा इसकी मंजूरी एंव ट्रायल के बाद हर्ष इसे पेटेंट भी करवाएंगे।