आज की दुनिया टेक्नोलॉजी की दुनिया है। हर एक इंसान दूसरे इंसान से रेस लगाए हुए है। हर व्यक्ति को जल्दी है। इस जल्दबाजी के लिए टेक्नोलॉजी ने एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचने के लिए कार मोटरसाइकिल आदि जैसी साधनों को ईजाद किया है ताकि इंसान अपने वक्त की कीमत को समझें और वक्त से पहले हर काम कर ले। मोटर और कार बहुत ही अहम चीज हैं। हमारी जिंदगी इसके बगैर रुकी हुई लगती है। जिन लोगों के पास मोटर या कार में से कोई भी चीज ना हो तो ऐसा लगता है कि उसके पास कोई चीज नहीं है । मोटर और कार को सही रखने के लिए उनके पार्ट्स (Automobile parts business) का सही होना ज़रूरी है। ये पार्ट्स ही मोटर और कार को सम्पूर्ण बनाते हैं। आइए जानते हैं ऑटोमोबाइल्स के पार्ट व इसके बिज़नेस (Automobile parts business) के बारे में।
ऑटोमोबाइल के पार्ट – Automobile parts business
Bumps
बम्पर किसी भी गाड़ी के आगे लगा रहता है ताकि जब एक्सीडेंट हो तो ज्यादा नुकसान ना हो और गाड़ी की ज्यादा कीमती चीजों पर प्रभाव ना पड़े। एक्सीडेंट होने पर बमप्स तक ही सीमित रहे। ऑटोमोबाइल पार्ट बिजनेनस में यह मुनाफे वाला काम है।
लाइसेंस प्लेट
हर कार में एक लाइसेंस प्लेट होती है। यह हर कार को दिया जाता है और हर कार के बारे में जानकारी मिलती है। उस पर कार का नंबर रहता है।
टर्न सिग्नल
यह हर कार में होता है जिसे घुमाया जाता है। टर्न सिग्नल के ऑन करके गाड़ी को आगे या पीछे किया जाता है। इसके जरिए पीछे या आगे वालों को पता चलता है कि गाड़ी किस तरफ मुड़ेगी। यह एक तरीके का इंडिकेटर होता है।
टायर
हर गाड़ी में कम से कम 4 टायर होते हैं जिसके जरिए गाड़ी चलती है। टायर हमेशा काले रंग का होता है।
व्हील
गाड़ी में 4 व्हील होते हैं जो टायर के अंदर फिट रहते हैं। टायर को जिस चीज में कसते हैं उसी को व्हील कहते हैं। यह सिल्वर रंग का होता है।
विंडशील्ड ग्लास
एक तरीके का कांच होता है जो अंदर से बाहर की तरफ दिखता है। अंदर गाड़ी में बैठने वाले व्यक्ति को बाहर की हर चीज साफ-साफ नजर आती है और जिसके जरिए आसानी से गाड़ी चलाई जा सकती है।
स्टिइंग सस्पेंशन
स्टिइंग सस्पेंशन बताता है कि गाड़ी को किधर घुमाना है। इसी के जरिए पूरी गाड़ी को कंट्रोल किया जाता है।
रूफ
गाड़ियों की छत को रूफ कहते है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि गाड़ी की छत 2 तरीके की बनी रहती है। जब दिल कहे उस रूफ को खोल लो और जब दिल कहे तब बंद कर लो। यह धूप और बारिश से बचत करती है।
सीट
सीट बैठने में सहारा देती है। हर गाड़ी में अलग-अलग सीट होती है। हर गाड़ी में आगे की तरफ हमेशा 2 सीट होती है। सीट गद्येदार व आरामदेह होती है।
आउट साइड मिरर
यह गाड़ी के आगे लगा रहता है ड्राइवर के दाएं और ड्राइवर के बाएँ साइड। इससे पीछे की गाड़ियों के बारे में पता चलता है कि कौन सी गाड़ी आ रही है और कौन सी जा रही है।
डोर
हर गाड़ी में चार डोर होते हैं।
बूट
जिसको डिग्गी भी कहते हैं। यह गाड़ी के पीछे होता है और इसे सामान लाने ले जाने के लिए बनाया गया जाता है। इसमें बैठकर सफर नहीं किया जा सकता।
हैंडल
यह दरवाजा खोलने के लिए हर दरवाजे में लगा रहता है। इससे हम आसानी से दरवाजा खोल और बंद कर सकते हैं।
विंडो
हर दरवाजे में विंडो होती है। यानी कि 4 छिङकी और इसे खोला और बंद भी किया जा सकता है। विंडो को ऊपर और नीचे भी किया जा सकता है। हर विंडो में शीशा लगा रहता है।
वाइपर ब्लेड
गाड़ियों में वाइपर प्लेट लगे रहते हैं जो शीशे की गंदगी साफ करने या बारिश के पानी को साफ करने में काम आता है। इससे गाड़ी चलाने वाले को आसानी से सामने का सब साफ साफ दिखाई देता है और गाड़ी चलाने में कोई दिक्कत नहीं आती।
एंटीना
गाड़ी के रूप पर एक एंटीना लगा रहता है।
हेड लाइट
हेड लाइट का प्रयोग रात में किया जाता है। इससे रास्ता देखने में आसानी होती है।
फेंडर या साइड कवर
गाड़ियों में फेंडर या जिसको साइड कवर भी कहा जाता है गाड़ी के साइड में लगा रहता है।
बोनट या हुड
बोनट खोलने से इंजन दिखता है। इंजन के पार्ट्स कैसे वर्क करते हैं या इंजन में आने वाली दिक़्क़त को बोनट खोल कर चेक किया जा सकता है।
एक्सीलरेटर, ब्रेक, क्लच
इसको ए बी सी कंट्रोलर कहां जाता है। यह गाड़ी चलाने वाले के पैरों के नीचे होता है। एक्सिलरेटर और ब्रेकर दाएं पैर से कंट्रोल होता है जबकि क्लच बाएं पैर से।
लीवर
लीवर गाड़ी की सीट के नीचे होता है। उसको खींचने से सीट आगे या पीछे होती है। इससे सीट को ऐडजेसट करने में सहायता मिलती है।
ब्रेक (Automobile parts business)
हर गाड़ी में 2 तरीके के ब्रेक होते हैं। एक पैर से और दूसरा हाथ से चलता है। हैंड ब्रेक का इस्तेमाल हम उस वक्त करेंगे जब गाड़ी को हम कहीं खड़ा करना चाहते हैं।
क्लच
गाड़ी को चलाने के लिए क्लच दबाएं। उसके बाद इंजन चालू कर लें।
एसी
गाड़ी के अंदर बीच में आगे का हिस्सा एसी का होता है। बीच वाला बटन फैन का होता है।
अन्य पार्ट्स-
स्टेरिंग
हर गाड़ी में एक स्टेरिंग होता है जो गोल-गोल बड़ा सा होता है। यह ड्राइवर की सीट पर रहता है। उसे देखकर आप आसानी से जान जाएंगे कि यह स्टेरिंग है। इसे घुमाने से गाड़ी को मोड़ा जा सकता है।
सीट बेल्ट
हर गाड़ी में सीट बेल्ट होती है। इसे पहनना बहुत जरूरी होता है। यह आपको एक्सीडेंट के समय अधिक चोट लगने से बचाता है।
हाॅर्न
हाॅर्न स्टीयरिंग में ही होता है। स्टेरिंग में दोनों तरफ थोड़ा सा नीचे हाॅर्न का बटन होता है। उसे दबाने से हाॅर्न बजता है।
मीटर
स्टेरिंग के पीछे यानी शीशे के अंदर जो छोटा छोटा सा लाल और हरे सूइयों के साथ सफेद नंबर लिखा रहता है वह मीटर होता है। वह इंडिकेट करता है कि आपका इंजन प्रति घंटा कितना चलता है।
स्पीडोमीटर
गाड़ी में स्पीडोमीटर भी होता है जो गाड़ी की रफ्तार से बताता है।
फ्यूल सिस्टम
फ्यूल सिस्टम हर गाड़ी में होता है। पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों में डीजल डाला जाता है।
Conclusion
कई बार ऐसा होता है कि कार में कुछ खराबी हो जाती है। हमारी कार में तो हम उसे रिप्लेस कराने जाते हैं या उसे पेंट करवाने जाते हैं तो हमें उसके कई सारे पार्ट्स के बारे में नहीं जानकारी होती है। कार लेने के लिए उसके पार्ट्स के बारे में जानना बहुत जरूरी है। यह भी जानना जरूरी है कि कौन सा पार्ट क्या वर्क करता है। इस तरह हमें कार चलाने में और कार के बारे में जानकारी लेने में आसानी होती है।Automobile parts के बारे में जानकारी रखना जरूरी है।
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