भारत जैसे विकसित देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान देखने को मिलता है। आप यह जानकर चौक जाएंगे की ऑटोमोबाइल सेक्टर भारत को विकासशील बनाने में 7 परसेंट की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी देता है। विश्व में भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर सातवां सबसे बड़ा सेक्टर है। ऑटोमोबाइल सेक्टर दिन व दिन अपने व्यापार में आकर्षक बढ़ोतरी करते जा रहा है। वह दिन दूर नहीं जब भारत का ऑटो सेक्टर दुनिया में सबसे बड़ा होगा।
2020 में ऑटो सेक्टर में सबसे बड़ी बाधा कोरोनावायरस को माना जा रहा है जिसने इस सेक्टर की ग्रोथ को अन्य सेक्टर की तुलना में काफी मंदी ला दी थी। हालांकि, इस सेक्टर के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी कोरोनावायरस के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस सेक्टर ने नए साल की शुरुआत से ही काफी आश्चर्यजनक रिजल्ट दिए हैं। एक ग्लोबल रिसर्च फर्म की रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में शानदार ग्रोथ देखने को मिलेगी।
वायरस के कारण ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में जितना भी नुकसान हुआ था लगभग उसकी पूरी वसूली होने ही वाली है। वाहनों की बिक्री में (इलेक्ट्रिक कार, टू व्हीलर इत्यादि) जैसे-जैसे बढ़ोतरी होगी इनकी ग्रोथ में भी उतनी ही तेजी से बढ़ोतरी होगी। सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017 से 2018 के मुकाबले 2018 से 2019 में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में 2.7 परसेंट से वृद्धि होकर 3377436 यूनिट तक हो गई थी और पहले 3288581 यूनिट थी। नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट कंसल्टिंग एंड सॉल्यूशंस इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अगले वित्त वर्ष में नए नियमों के कारण वाहनों की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है।
टू व्हीलर सेक्टर में शानदार तेजी आएगी
वित्त वर्ष यानी की वर्ष 2021-22 में कोरोना से हुई भयंकर हानि से पूरी तरह उबर जाएगा और इसके साथ टू व्हीलर वाहनों में तेजी देखने को मिलेगी। अगर बात की जाए इलेक्ट्रिक वाहनों की तो इस सेक्टर में अगले वित्त वर्ष में शानदार बढ़ोतरी देखने की उम्मीद की जा रही है। प्रमुख रूप से टू व्हीलर सेक्टर में अधिक तेजी आएगी। इन बातों को ध्यान में रखते हुए टू व्हीलर कंपनियां अपने वाहनों में अधिक से अधिक आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं ताकि समय के साथ अपडेट रहें।
फोर व्हीलर्स की डिमांड
कुछ कंपनियों में महामारी के दौरान पैसेंजर व्हीकल सेल्स में बढ़ोतरी हुई है। ऑटो कंपनियों ने वाहनों की बिक्री में लगभग 20% से भी ज्यादा की बढ़त देखी है। नए साल के शुरुआती समय से ही पैसेंजर व्हीकल की डिमांड में काफी तेजी देखी गई है। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है, कि सुगम आवाजाही और सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकता के अनुरूप फोर व्हीलर्स की मांग निरंतर बढ़ रही है।
इलेक्ट्रिक कारों का नया दौर
जीवाश्म ईंधन के उपयोग में निरंतर वृद्धि होने से पर्यावरण को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसकी दृष्टि से मोटर वाहन उद्योग इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा दे रही हैं और देश की जनता द्वारा भी इनको काफी सपोर्ट किया जा रहा है। पूरी दुनिया में उत्पन्न होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कारों का 15 परसेंट योगदान रहता है। अगर 15 परसेंट कम करने में हम कामयाब रहते हैं तो हमारी प्रकृति को काफी लाभकारी सिद्ध होगा।