Ahoi Ashtami 2021. जल्द ही हिंदू धर्म के सबसे बड़े व्रत करवा चौथ और अहोई अष्टमी का व्रत आने वाला है। यह दोनों ही व्रत महिलाओं द्वारा रखे जाते हैं। जिनमें करवा चौथ पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए होता है, तो अहोई अष्टमी व्रत मां अपने बच्चों के स्वस्थ जीवन और लंबी उम्र के लिए रखती है। आइए जानते हैं आज अहोई अष्टमी के इस व्रत से जुड़ी कुछ खास बातें।
इस साल अक्टूबर का माह हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद खास है और हो भी क्यों ना जिन त्योहारों या पर्वों का पूरे साल इंतजार किया जाता है। वह इस साल यानी 2021 में अक्टूबर के माह में हो जो आ रहे हैं। नवरात्रि से लेकर दिवाली तक पूरे माह किसी जश्न से कम नहीं होने वाला।
आज हम इसी माह आने वाले एक खास व्रत की जानकारी आपके साथ साझा करेंगे। अहोई अष्टमी कब है इसका जवाब भी देंगे और अहोई अष्टमी व्रत कथा क्या है यह भी बताएंगे। अगर आप अहोई अष्टमी व्रत कथा या इस व्रत से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें।
क्या है अहोई अष्टमी – What is Ahoi Ashtami 2021 in Hindi

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रखा जाता है। वह महिलाएं जिन्हें संतान हो चुकी हैं, उनके लिए यह अहोई अष्टमी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इस व्रत से संतान की आयु में वृद्धि होती है और संतान स्वस्थ रहती है। व्रत के दौरान महिलाएं पूरे दिन भूखी रहती है और शाम होने पर तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोलती है। दिन के समय में अहोई अष्टमी की व्रत कथा भी सुनी जाती है। अहोई अष्टमी का चित्र बनाकर या बाजार से लाकर इनके सामने पूजा की जाती है।
अहोई अष्टमी व्रत कब है

Ahoi Ashtami 2021 में यह व्रत 28 अक्टूबर के दिन रखा जाएगा। व्रत से पहले महिलाएं कुछ खास तरह की तैयारियों में लगी रहती है और अपनी संतान की दीर्घ आयु के लिए प्रार्थना करती हैं।
अहोई अष्टमी व्रत की विधि – Ahoi Ashtami Vrat Ki Vidhi 2021

- अहोई अष्टमी व्रत के दिन सुबह प्रातः उठे और अच्छे से नहाए धोए।
- इसके बाद पूजा करें और इस दौरान अहोई माता को ध्यान में रखते हुए संकल्प लें कि आप अपनी संतान की दीर्घ आयु के लिए ही यह व्रत रख रही हैं। इस व्रत को आप किस तरह रखेंगी इसे भी संकल्प में बताएं।
- अहोई माता के अलावा आप पार्वती माता को भी याद करें और उनसे बच्चों की लंबी आयु प्रदान करने की विनती करें।
- अहोई माता का पोस्टर बाजार से लाएं या दीवार पर स्वयं बनाए। इसमें माता के 7 पुत्रों की तस्वीर जरूर होनी चाहिए।
- इसके बाद पूजा में सिंघाड़े, गेहूं, जल आदि को जरूर रखें।
- इस दिन एक बड़े करवे में पानी भरकर रखा जाता है और इसका इस्तेमाल दीवाली के दिन किया जाता है। दीपावली के दिन इस पानी का छिड़काव पूरे घर में करें।
- व्रत की पूजा पूरी होने पर घर की बड़ी महिला या अपनी सासू मां के पैर छूए और इसके बाद ही व्रत को खोले या भोजन करें।
अहोई अष्टमी व्रत कथा -Ahoi Ashtami Vrat Katha 2021

अहोई अष्टमी के व्रत के दिन दोपहर में पूजा के दौरान अहोई अष्टमी व्रत कथा को पढ़ा या सुना जाता है। इस कथा के बिना व्रत को अधूरा माना जाता है और इसका फल भी प्राप्त नहीं होता। इसलिए अगर आप अहोई अष्टमी का व्रत रख रही हैं तो इसकी कथा को जरूर पढ़े या सुने।
अहोई अष्टमी की व्रत कथा
एक नगर में साहूकार रहा करता था और उसके 7 बेटे, बहुएं और एक बेटी हुआ करती थी। दिवाली से पहले कार्तिक अष्टमी के दौरान सभी भाभियाँ और नंद के साथ जंगल में मिट्टी लेने गई। जहां पर वह मिट्टी खोद रही थी वहां पर स्याऊ – सेह की मांद थी। मिट्टी खोदते समय ननद के हाथ से सेही का बच्चा मर गया।
इस पर स्याऊ माता बोली कि अब मैं तेरी कोख बांधूंगी। यह सुनकर ननद ने अपनी सभी भाभियों से कहा कि मेरी जगह आप अपनी कोख बंधवा लो। लेकिन इस पर 6 भाभियों ने पूरी तरह मना कर दिया। लेकिन सबसे छोटी भाभी ने बात मान ली और स्याऊ माता ने उसकी सबसे छोटी भाभी की कोख को बांध दिया।
इसके बाद जब भी छोटी भाभी को कोई बच्चा होता तो वह सातवें दिन ही मर जाता था। ऐसा बार – बार होने पर साहुकार ने एक पंडित से इस बारे में बात की। तब पंडित ने बताया कि आपकी बहु की कोक स्याऊ माता ने बांध रखी है।
पंडित ने कहा कि इससे बचने का एक ही उपाय है कि अपनी बहु को कहो की रोजाना वह काली गाय की सेवा करे। पंडित जी ने बताया की काली गाय स्याऊ माता की भायली है। अगर गाय माता प्रसन्न हुई तो वह स्याऊ माता से कहकर आपकी बहु की कोख को छोड़ सकती है।
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इसके बाद छोटी बहु ने लगातार कई दिनों तक काली गाय की खुब सेव की। इसके बाद एक दिन काली गाय ने जानने के लिए देखा की उनकी सेवा कौन कर रहा है और वह चाहता क्या है। गाय ने उनसे पूछा कि बता क्या चाहती है, इस पर बहु ने बताया कि स्याऊ माता ने मेरी कोख बांध रखी है आप मेरी कोख खुलवा दें।
इसके बाद गाय और बहु दोनो ही स्याऊ माता के पास चली गई। रास्ते में थक कर वह एक पेड़ के नीचे बैठी थी। जहां एक सांप गरुड़ के बच्चों को मारने वाला था। यह देखकर साहूकार की बहू ने उनकी जान बचाने के लिए सांप को मारकर दबा दिया। यह बात जब गरुड़ को पता चली तो उसने पूछा की मांग क्या मांगती है। इस पर बहु ने गरुड़ से कहा कि हमें स्याऊ माता के घर समुद्र के पास तक छोड़ दो। इस पर गरुड़ ने गाय और बहू को वहां तक छोड़ दिया।
इसके बाद स्याऊ माता गाय को देखकर बेहद खुश हुई और इसके बाद बहु से कहा कि मेरे सिर में जूं हो गई है तू निकाल दे। बहु ने सारी जूं निकाल दी और इस पर खुश होकर बहु से पूछा क्या मांगती है। बहू ने बताया कि उनकी कोख बंधी है उसे खोल दे। स्याऊ माता ने बहू को 7 बेटे बहू का आर्शीवाद दिया।
इसके बाद जब वह घर पहुंची तो उसने देखा की उसके 7 बेटे और बहुएं। हैं। जिसके बाद बहू बहुत खुश हुई और यह बात उसकी 6 जेठानियों को भी पता चली तो। उन्होंने देवरानी से कोख कैसे खोली यह बात पूछी। इस पर देवरानी ने सारी बात बताई।
अंत में कहें कि हे स्याऊ माता जिस तरह हमारी कोख खोल दी उसी तरह सबकी कोख खोलना।
निष्कर्ष
दोस्तों आपने हमारे इस लेख में Ahoi Ashtami 2021 की डेट से लेकर इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर ली है। अब अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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अहोई अष्टमी का व्रत 2021 में किसी डेट को होगा?
यह व्रत इस साल अक्टूबर के माह 28 अक्टूबर को होगा
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अहोई अष्टमी का व्रत क्यों रखा जाता है?
अहोई अष्टमी का व्रत मांताएं अपनी संतान की लंबी आयु और बेहतर स्वास्थ्य के लिए रखती हैं।
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क्या अहोई अष्टमी के दिन व्रत ना रखने से कोई नुकसान हो सकता है?
यह एक धर्म से जुड़ा हुआ सवाल है, तो जाहिर है इसकी राय आप किसी खास व्यक्ति से ही लें।