यदि आपको काफी समय के बाद भी अपनी वर्कआउट ट्रेनिंग से कोई खास फायदा नहीं हो रहा है और आपके लिये वर्कआउट करना एक बोझ की तरह बनता जा रहा है, तो शायद ये आपने फिटनेस ट्रेनर बदल लेने का समय है।
वर्कआउट से कोई खास सुधार न हो
यदि आप काफी समय से वर्कआउट कर रहे हैं, लेकिन फिर भी कोई खास उन्नति नहीं हो पा रही है तो संभवतः आपके ट्रेनिंग करने का तरीका, आपका ट्रेनर या ट्रेनिंग की जगह में नुख्स है। वर्कआउट करने से कहीं जरूरी होता है, वर्कआउट करने का तरीका। तो इस तरह का संकेत इशारा है कि आपको एक बेहतर एक्सरसाइज ट्रेनर की जरूरत है।
ट्रेनर अधिक समय फोन पर रहता है
अगर आपका ट्रेनर वर्कआउट ट्रेनिंग के दौरान अधिकांश समय अपने फोन पर व्यस्त रहता है, और उसका दिमाग आपकी बजाए अपने फेसबुक पर ज्यादा रहता है, तो आपको अब अपने लिये नए जिम ट्रेनर की तलाश शुरु कर देनी चाहिये।
अगर आपको सही सलाह न मिले
यदि आपने अपने ट्रेनर को कहा है कि स्क्वैट्स करने पर आपके घुटनों में दर्द हो रहा है, या इस तरह की कोई और परेशानी है, और फिर भी आपका ट्रेनर कोई सही सुझाव नहीं दे पाता या वर्कआउट में कोई बदलाव आदि नहीं करता है, तो संभवतः वह गुणी नहीं है। आपको ऐसे में कोई नया ट्रेनर ढूंढ लेना चाहिये।
रोज़ लेट शुरू होती हैं क्लासेज़
अगर आपका ट्रेनर अकसर वर्कआउट ट्रेनिंग पर आने में देरी करता है, और आपकी क्लासेज बंक भी हो जाती हैं, तो ये आपके एक्सरसाइज ट्रेनर की लापरवाही की निशानी है। ध्यान रखें, आप हों या आपका ट्रेनर, वर्कआउट में अच्छे परिणामों के लिये अनुशाषन बेहद जरूरी है।
अगर आप खुद वर्कआउट मे निपुण हैं
अगर आप काफी समय से वर्कआउट कर रहे हैं, परिणाम भी सही आ रहे हैं, और आप वर्कआुट की तरनीक व अपने शरीर की क्षमता को ठीक प्रकार से मसझ चुके हैं, तो भी आपको वर्कआउट ट्रेनर की जरूरत नहीं हैं। इस तरह आप न सिर्फ पैसे बचा सकते हैं, बल्कि अपने हिसाब से एक्सरसाइज का टाइम मैनेजमेंट भी कर सकते हैं।