अक्सर कई बार लोगों के दिल में ख्याल आता है, कि डाकघर में खाता खुलवाना अधिक फायदेमंद होगा या फिर बैंकों में खाता खुलवाना फायदेमंद होगा? आज हम इस लेख में आपको इसी प्रश्न का उत्तर बहुत ही आसान शब्दों में देंगे। डाकघर में खोले गए खाते को संचालन करना सरल होता है। डाकघर के खाते में जमा रकम पर पूर्व निर्धारित दर पर ब्याज दिया जाता है। डाकघर में कम से कम 5 साल के लिए आरडी (रीकरिंग डिपॉजिट) खुलता है।
जैसा कि हम सब जानते हैं, वर्तमान समय में भारत में डिजिटल बैंकिंग बेहद सरल हो गई है और बैंकिंग संबंधित सभी कार्य आजकल चुटकियों में किए जा रहे हैं। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बिना किसी दुविधा के सुविधाएं दे रहे हैं लेकिन डाकघर में किसी का भी खाता खोलना आज भी बहुत सरल है। डाकघर में खाता खोलना किसी बैंक के जैसा तो नहीं है परंतु बैंक से अधिक लाभ डाकघर में ही मिलता है। यही कारण है, कि आज ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लोग डाकघर में खाता खुलवाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।
निर्धारित दर पर नहीं मिलता ब्याज
डाकघर में खाता खुलवाने पर जो (खाते में जमा राशि पर) शुरू से ब्याज मिलता है, वही हमेशा मिलता रहता है। इस दर में (5 साल की समय अवधि) परिवर्तन नहीं होता है। अगर बात करें बैंक की तो बैंक अपने अनुसार अपनी ब्याज दरों में परिवर्तन करता रहता है। जितनी ज्यादा ब्याज दर डाकघर की होती है, उतनी ब्याज दर बैंकों की नहीं होती है। इससे कहा जा सकता है, कि इस मामले में इन बैंकों के मुकाबले में डाकघर बहुत ही अच्छा है। डाकघर में बैंक के मुकाबले में कई ऐसी सुविधाएं दी जाती हैं, जो बैंक में मिलना संभव नहीं होता है।
‘एफडी’ के मामले में लाभकारी
डाकघर की सबसे अच्छी बात यह है, कि आकस्मिक पैसों की जरूरत पड़ने पर आप आरडी में निवेश राशि को निकाल (जितनी राशि जमा है उसमें से आधी राशि) सकते हैं। दूसरी सबसे खास बात यह है, कि एफडी (फिक्स डिपाजिट) पर अधिकतम 7.5 और न्यूनतम 6.5 फीसद की दर से डाकघर ब्याज देता है। अगर एफडी पर ब्याज की दर बैंक में देखा जाए तो बैंक अधिकतम 7.25 और न्यूनतम 3.75 की दर से ब्याज देते हैं। अत: आपको बैंक की जगह डाकघर में खाता खुलवाना अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।
डाकघर में कम समय में दुगना पैसा होता है!
यह तो आप जान ही गए होंगे कि डाकघर की ब्याज दर बैंकों से अधिक होती हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि डाकघर कम समय में आपके पैसे को दुगना कर सकता है। एक उदाहरण के लिए मान लें कि अगर बैंक ₹100 को 10 से 12 साल में डबल करता है तो इन्हीं पैसों को डाकघर द्वारा 6 से 8 साल में डबल कर सकता हैं। कम समय में पैसे को डबल करने का डाकघर एक अच्छा साधन माना जा सकता है।
डाकघर में यह खाते खोले जा सकते है-
डाकघर में निम्न प्रकार के खाते खोले जा सकते है-
- सेबिंग अकाउंट
- रीकरिंग डिपॉजिट
- टाइम डिपॉजिट
- किसान विकास पत्र
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड इत्यादि।