अक्सर सभी विद्यार्थियों के मन में यह सवाल आता है, कि दसवीं क्लास के बाद कौन सा विषय लेना चाहिए। आज हम इस सवाल का जवाब देंगे। बच्चे सोचते हैं, कि कौन सा सब्जेक्ट लेने पर आगे भविष्य में हमारे काम आएगा इसलिए बच्चों को हमेशा शिक्षकों व अपने माता-पिता से पूछ कर विषय का रूचि अनुसार चयन करना चाहिए। दसवीं कक्षा में जो विषय ज्यादा रुचिपूर्ण था, आप उनके अनुसार विषय को चुन सकते हैं। बहुत से बच्चे होते हैं, जो बिना कुछ जाने कोई सा भी विषय चुन लेते हैं और फिर यह आगे जाकर उनके लिए चुनौतीपूर्ण बन जाता है।
इस बात का विशेष ध्यान दें कि कभी भी अपने दोस्त को देखकर विषय को नहीं लेना चाहिए। यह सबसे बड़ी मूर्खता होती है, इसलिए बच्चे को सोच समझकर व दूसरों से विचार-विमर्श करके ही विषय को लेना चाहिए। इसके अलावा आप करियर काउंसलर की भी मदद लेके भी विषय को चुन सकते हैं। आज हम बताएंगे कुछ चुनिंदा बिंदु जिनका आप ध्यान रखकर अपने विषय को आसानी से बिना किसी दुविधा के चुन सकते हैं।
रुचि को ध्यान दें
विषय लेने से पहले एक बार अपनी रुचि को ध्यान जरूर दें। आपकी जिस विषय में अधिक मन लगता है या फिर पढ़ने में मजेदार लगता है, तो आप उस विषय को ले सकते हैं। अगर आप रुचि अनुसार विषय लेते हैं, तो वह विषय आप को ऊंचाइयों की ओर हमेशा ले जाएगा इसलिए विषय लेने से पहले रुचि का विशेष ख्याल रखें। इसके पश्चात ही विषय को लेना चाहिए।
विचार-विमर्श करें
जी हां! इस बात का भी विशेष ध्यान दें कि विषय लेने से पहले शिक्षकों से, अपने माता-पिता व अपने संबंधीयो से विचार-विमर्श करके आप अपने विषय को चुन सकते हैं। अगर आप दूसरों से विचार-विमर्श करके विषय लेते हैं, तो आपको यह बहुत ही मददगार साबित हो सकता है। आगे जाकर आपको किसी भी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल
हर जगह से अलग-अलग सलाह मिलने पर कंफ्यूज नहीं होना चाहिए। अपनी बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल कर आप अपने चुनिंदा विषय को ही चुने। आपको दसवीं कक्षा में जो विषय पढ़ने में सबसे अच्छा लगता था, आप उसको भी ले सकते हैं ताकि किसी प्रकार की कोई कठिनाई ना आए।
करियर काउंसलर की मदद
अगर आप विषय डिसाइड करने में कंफ्यूज है, तो आप करियर काउंसलर की मदद ले सकते हैं। यह बहुत ही भरोसेमंद होते हैं। इन पर आप भरोसा करके विषय को चुन सकते हैं। करियर काउंसलर की बताई गई विषय के बारे में एक-एक बात को ध्यानपूर्वक सुनकर आप अपने विषय का चुनाव कर सकते हैं।
इन सब बिंदुओं को आप ध्यान में रखकर दसवीं कक्षा के बाद विषय को आप बड़ी आसानी से चुन सकते हैं। इसके अलावा आप सभी विषयों के बारे में जानकारी एकत्र करके 12वीं के बाद जिस सब्जेक्ट में ज्यादा स्कोप है उसको आप चुन सकते हैं। बच्चे पर माता-पिता का कोई दबाव नहीं होना चाहिए। बच्चे को हमेशा अपने रूचि अनुसार ही विषय को दिलाना चाहिए। आप जिस विषय को लेने जा रहे हैं, उस विषय के बारे में भी एक बार अच्छे से अपनी ताकत और कमजोरियों को जान ले। इसके बाद ही विषय का चुनाव करें।