Friday, November 22, 2024
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लालू यादव के घर छापा, तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग

by sonali
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जदयू ने मंगलवार (11 जून) को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है और पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बैठक में लालू यादव के बेटे और राज्य के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफा देने की मांग की जाएगी. हालांकि राजद नेताओं का साफ कहना है कि तेजस्वी को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है. तेजस्वी यादव पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की है. महागठबंधन में जदयू, राजद और कांग्रेस साझेदार हैं.

आपको बता दें कि आयकर विभाग ने बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार की करीब 175 करोड़ की संपत्ति को जब्त (अटैच) किया है. इनमें लालू की बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार, चंदा और रागिनी (लालू की बेटियां), बिहार उपमुख्‍यमंत्री और छोटे बेटे तेजस्वी यादव तथा पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी के प्लॉट अटैच किए थे. इन संपत्तियों का बाजार भाव 175 करोड़ रुपए बताया गया था, जबकि ‍सरकारी रिकॉर्ड में इस संपत्ति का मूल्य 9.32 करोड़ रुपए है.

लालू यादव का चारा घोटाला केस

  • चारा घोटाला 1990 से लेकर 1997 के बीच बिहार के पशुपालन विभाग में अलग-अलग जिलों में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के गबन से जुड़ा है. इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे.
  • लालू यादव पर चारा घोटाले में अलग-अलग 5-6 केस दर्ज हैं, जिनमें से 1 मामले में वो दोषी करार दिए गए हैं.
  • भागलपुर, देवघर, डोरंडा, चाईबासा और दुमका अवैध निकासी के मामले में केस दर्ज हैं.
  • चाइबासा ट्रेजरी मामले में अक्टूबर 2013 में रांची की सीबीआई अदालत ने लालू यादव को 5 साल की कारावास और 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया था. लेकिन दिसंबर 2013 में 2 महीने के बाद लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
  • जनवरी, 1996 : उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा और ऐसे दस्तावेज जब्त किए जिनसे पता चला कि चारा आपूर्ति के नाम पर अस्तित्वहीन कंपनियों द्वारा धन की हेराफेरी की गई है, जिसके बाद चारा घोटाला सामने आया.
  • 11 मार्च, 1996 : पटना उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस घोटाले की जांच का आदेश दिया, उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश पर मुहर लगाई
  • 27 मार्च, 1996 : सीबीआई ने चाईंबासा खजाना मामले में प्राथमिकी दर्ज की
  • 23 जून, 1997 : सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया
  • 30 जुलाई, 1997 : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद ने सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा.
  • 30 सितंबर, 2013 : बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों- लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र तथा 45 अन्य को सीबीआई न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने दोषी ठहराया.
  • 3 अक्टूबर, 2013 : सीबीआई अदालत ने लालू यादव को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई, साथ ही उन पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी किया है. लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया था.

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