अगर किसी इंसान को कोई भी मेंटल प्रॉब्लम हो रही होती है तो अकसर हम उस इंसान से दूर रहना ही पसंद करते हैं! और तो और हम ये काम भी करते हैं कि उस इंसान को असामान्य की श्रेणी में रखकर उसे अजीब अजीब सी बातें सुनाने लगते हैं बजाय इसके कि हम उसे कोई अच्छी सलाह दें! हम उसे यह एहसास कराने लगते हैं कि वह हम लोगों से बिलकुल अलग है और उसे बिलकुल अलग थलग रहना चाहिए।
मेंटल प्रॉब्लम नॉर्मल ज़िंदगी का ही हिस्सा है लेकिन हम इस बात को समझ नहीं पाते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि मेंटल प्रॉब्लम कई प्रकार की होती हैं। हमें लगता है कि मेंटल प्रॉब्लम का मतलब सिर्फ़ बड़ी बीमारियां ही होती हैं जबकि ऐसा नहीं है। जी हाँ, मामूली सा तनाव भी मेंटल प्रॉब्लम के अंतर्गत ही आता है।
इन बातों को एक किनारे करते हैं और अब सबसे अहम मुद्दे की बात करते हैं। मेंटल प्रॉब्लम से ग्रसित इंसान को चूँकि अच्छे से ट्रीट नहीं किया जाता है तो हम यही कहना चाहेंगे कि मेंटल प्रॉब्लम ज़िंदगी के लिए अभिशाप नहीं हैं। अगर आपके किसी मित्र को मैंटल प्रॉब्लम हो रही हो तो आप को चाहिए कि आप उसकी मदद करें बजाय उसकी परेशानियां बढ़ाने के।
ऐसा नहीं है कि इन प्रॉब्लम्स का कोई सलूशन नहीं है। है, बिलकुल है तो आइए देखते हैं कि जब किसी को मैंटल प्रॉब्लम हो रही हो तो उसकी किस प्रकार से मदद की जा सकती है?
1. अपना बिहेवियर सामान्य रखें
अगर आपके आस पास कोई ऐसा इंसान है जो कि किसी प्रकार की मेंटल प्रॉब्लम से ग्रसित हैं तो सबसे पहले तो आपको अपना बिहेवियर उसके लिए बिलकुल सामान्य रखना चाहिए। आपको उसे यह एहसास बिलकुल भी नहीं दिलाना है कि आप उसके लिए किसी तरह की सहानुभूति रखते हैं।
ऐसा नहीं है कि आपको उसके लिए सहानुभूति नहीं रखनी चाहिए। रखनी चाहिए और अगर उसके लिए आप सहानुभूति रखते हैं तो उसे बिलकुल भी शो ना करें क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो अगले बंदे को यह महसूस हो सकता है कि वह नॉर्मल नहीं है अर्थात कहीं न कहीं बीमार है। आपको चाहिए कि आप उससे नॉर्मली मिले जुले और अगर वह आपसे कोई प्रॉब्लम शेयर करता है तो उसका बेहतर से बेहतर सलूशन देने की कोशिश करें।
2. ताने देने से बिलकुल बचें
हमारी सबसे ख़राब आदत होती है कि अगर हमें कोई चीज़ सामान्य नहीं लगती है तो हम उस पर बातें बनाने लगते हैं। बातें बनते बनते आगे जाकर तानों का रूप ले लेती हैं! अगर आपके आस पास कोई ऐसा इंसान है जो मेंटल प्रॉब्लम को झेल रहा है तो ऐसे में आपको चाहिए कि आप उसके बारे में बातें ना बनाएँ। ताने देने से तो बिलकुल परहेज़ करें।
3. साइकोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दें
हमारे समाज में आज भी एक मिथ्या चली आ रही है कि साइकोलॉजिस्ट के पास जाने का मतलब है कि आप या तो साइको हैं या तो पागल! इसी मिथ्या के कारण आज भी लोग साइकोलॉजिस्ट के पास जाने से घबराते हैं और नतीजा यह होता है कि वे मेंटल प्रॉब्लम के टॉर्चर को लगातार सहते रहते हैं।
अगर आपकी जानकारी में कोई ऐसा बंदा है तो आपको चाहिए कि आप उसकी मदद के लिए आगे आएं। उसे किसी अच्छे साइकोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दें। उसे ये कहकर मनाएँ कि मोटिवेशन की ज़रूरत सबको पड़ती है और अगर उसे भी मोटिवेशन के लिए किसी साइकोलॉजिस्ट के पास जाना पड़ रहा है तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
4. एहसास दिलाएँ कि वो इन्सान एकदम नार्मल है
जो सबसे बड़ी बात होती है ये हैं कि आप को मेंटल प्रॉब्लम से ग्रसित व्यक्ति को यह एहसास बिलकुल भी नहीं कराना होता है कि वह नॉर्मल नहीं है।
ये बात सच भी है कि मेंटल प्रॉब्लम से ग्रसित इंसान नॉर्मल ही होता है बस कुछ चीज़ें ऐसी होती है जो कि उसे कुछ समय के लिए एब्नार्मल कर देती हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह बंदा अब कभी ठीक ही नहीं हो सकता है। अगर आप उसकी मदद करते हैं तो वह भी एक सामान्य ज़िंदगी जी सकता है।